अगले 48 घंटे में तेज बारिश होने की संभावना राजधानी में भी बीते चार दिनों से आसमान में छाए मेघ आखिरकार बुधवार को मेहरबान हुए। शहर में हुई झमाझम बारिश से मौसम का मिजाज पलटा। वहीं प्रदेश के पूर्वी जिलों के साथ पश्चिमी मैदानी इलाकों में भी बारिश का जोर रहा। पिलानी में चार इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हरियाणा के उत्तरी इलाकों में बने चक्रवाती तंत्र के असर से प्रदेश में उत्तर-पूर्व और पश्चिम के कुछ जिलों में लोकल सिस्टम सक्रिय होने की उम्मीद है। इस कारण अगले 48 घंटे में तेज बारिश होने की संभावना है।
राजधानी में आज सुबह मौसम में ठंडक
राजधानी में आज सुबह हवा में नमी बढऩे पर सुबह मौसम में ठंडक महसूस हुई। शहर में आज सुबह सात बजे 26 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ है। स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार शहर में आज बादल छाए रहने व छितराई बारिश होने का अनुमान है। शहर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में पानी की आवक बनी हुई है। बांध के जलस्तर में रोजाना एक सेंटीमीटर बढ़ोतरी हो रही है।आज सुबह सात बजे बांध का जलस्तर 309.26 आरएल मीटर रिकॉर्ड हुआ है।
राजधानी में आज सुबह हवा में नमी बढऩे पर सुबह मौसम में ठंडक महसूस हुई। शहर में आज सुबह सात बजे 26 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ है। स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार शहर में आज बादल छाए रहने व छितराई बारिश होने का अनुमान है। शहर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में पानी की आवक बनी हुई है। बांध के जलस्तर में रोजाना एक सेंटीमीटर बढ़ोतरी हो रही है।आज सुबह सात बजे बांध का जलस्तर 309.26 आरएल मीटर रिकॉर्ड हुआ है।
ज्वार, बाजरा, ग्वार आदि की फसलों के लिए फायदेमंद
बारिश के अभाव में फसलों की हालत खराब हो रही थी। कई खेतों में तो फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई। आसमान से अमृत बरसने से फसलों को जीवनदान मिल गया है। हालांकि मूंग की अगेती फसलों में नुकसान हो गया है, जबकि पछैती फसलों के लिए फायदेमंद है। इससे सर्वाधिक फायदा ज्वार, बाजरा, ग्वार आदि की फसलों को होगा। पशुओं के लिए चारा आदि भी हो पाएगा।
बारिश के अभाव में फसलों की हालत खराब हो रही थी। कई खेतों में तो फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई। आसमान से अमृत बरसने से फसलों को जीवनदान मिल गया है। हालांकि मूंग की अगेती फसलों में नुकसान हो गया है, जबकि पछैती फसलों के लिए फायदेमंद है। इससे सर्वाधिक फायदा ज्वार, बाजरा, ग्वार आदि की फसलों को होगा। पशुओं के लिए चारा आदि भी हो पाएगा।