रामपाल ने कहा, मुख्यमंत्री ने किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, उन्होंने कभी किसानों की बात नहीं सुनी, इसलिए मैं भाजपा छोडऩे पर मजबूर हो गया। जाट ने टोंक से चुनाव लडऩे की बात कही। खुद को किसान हितैषी बताते हुए रामपाल ने कहा कि सभी दलों में किसान विंग है, लेकिन किसान देश का कर्णधार है उसको केंद्र में रखकर योजना बनाने की जरूरत है।
जाट ने कहा, प्रत्याशियों का चयन पांच सितारा होटल में बैठकर नहीं बल्कि लोगों के बीच जाकर होना चाहिए, हमने टोंक में जाकर ऐसा ही किया। 186 गांवों में जाकर लोगों की बात सुनी है किसानों की बात सुन उसके निस्तारण का वादा भी किया है। रामपाल जाट के आप में शामिल होने के साथ ही राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आम आदमी पार्टी को जाट के आने से बल मिलेगा।