ऋणमाफी में सामने आई गड़बड़ियों के बाद अब किसानों को आधार आधारित सत्यापन के आधार पर ही ऋण दिया जाएगा। इसके साथ ही नए वित्तीय वर्ष में पहली बार 10 लाख ऐसे किसानों को फसली ऋण मुहैया करवाया जाएगा जो कई सालों से सहकारिता से जुड़े हुए हैं लेकिन उन्हें फसली ऋण नहीं मिल पाता है।
रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ नीरज के.पवन ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कूलर के मुताबिक सहकारी बैंकों को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि वो विलफुल डिफाल्टर यानि आदतन अवधिपार ऐसे किसानों को फिर से फसली ऋण नहीं दें जो कि जानबूझकर ऋण का चुकारा नहीं करते हैं। इन किसानों की जगह नए सहकारी सदस्य किसानों को ऋण उपलब्ध करवाया जाए।
ऋणमाफी प्रक्रिया होगी आॅनलाइन (Online Loan Waiver Process) इसके साथ ही ऋणमाफी में सामने आई गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए भी सहकारिता विभाग ने ऋणमाफी की प्रक्रिया को डीएमआर के जरिए आधार आधारित अभिप्रमाणन से जोड़ते हुए ही ऋण दिए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पूरी प्रक्रिया को आॅनलाइन करने के लिए भी कहा गया है।
गौरतलब है कि पिछली सरकार के समय की गई ऋणमाफी में कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आईं हैं। सरकारी सदस्यों के साथ ही अपात्र और गलत तरीके से भी ऋणमाफी का लाभ लेने के मामले सामने आने के बाद सहकारिता विभाग ने अब इससे बचने के लिए संपूर्ण प्रक्रिया को आधार से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
एक अप्रेल से शुरू होगा ऋण वितरण (Rajasthan Loan Distribution Start Date) रजिस्ट्रार नीरज के.पवन की ओर से जारी सर्कुलर में बैंकों से कहा गया है कि किसानों को एक अप्रेल से खरीफ सीजन के लिए अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाना है। ऐसे में केन्द्रीय सहकारी बैंक अपने उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर ऋण वितरण के आवंटन निर्धारित करें। बैंकों से कहा गया है कि वो फिलहाल अपने वित्तीय स्त्रोतों से ही ऋण वितरण की व्यवस्था करें।