सरकार के तीन कृषि विधेयकों के विरोध में प्रोफ़ेसर सी बी यादव के नेतृत्व में चौंमू कृषि उपज मंडी में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया साथ ही किसानों का जत्था दिल्ली रवाना हुआ। जय किसान आंदोलन के बैनर तले राजस्थान विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर सी बी यादव के नेतृत्व में किसानों ने चौमू कृषि उपज मंडी में केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन किया दिल्ली में आंदोलनरत किसानों का साथ देने के लिए रवाना हुए। यादव ने बताया कि कोरोना ने किसानों की कमर तोड़ दी तो दूसरी ओर सरकार ने तीन काले कृषि कानून थोप दिए। जिसके माध्यम से किसान हित के लिए बनाई गई सरकारी मंडी व्यवस्था एपीएमसी समाप्त हो जाएगी एवं खेती की उत्पादन विपणन एवं वितरण प्रणाली में पूरी तरह निजी कॉरपोरेट का नियंत्रण स्थापित हो जाएगा। वस्तुत: इसके पीछे मुख्य साजिश किसानों को खेती से निकाल कर सस्ते श्रमिको में तब्दील करना है क्योंकि ऐसा पहले बिहार में वर्ष 2006 में ही किया जा चुका है। चौंमू कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष महेश जिंदल ने भी अपने व्यापार प्रतिनिधियों के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया इन कृषि कानूनों में निजी कृषि मंडियों को कर मुक्त रखा गया है। जबकि सरकारी मंडियों में कर देना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में धीरे.धीरे सरकारी मंडिया स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी तथा किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुरक्षा हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। प्रदर्शन में प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष चौधरी नरेंद्र कुमार, जय किसान आंदोलन की युवा प्रभारी योगेश जांगिड़, चौंमू सब्जी मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व सरपंच जस्सा राम, निवाणा पूर्व सरपंच रामेश्वर सिंह यादव, छात्र नेता बनवारी शर्मा, अजय भारती, रवि सैनी,रजत गोठवाल, महेश सैनी, प्रभु दयाल यादव सहित कई प्रमुख गणमान्य उपस्थित रहे।