जयपुर

मानसून ने तोड़ की किसानों की उम्मीदें

मानसून ने तोड़ की किसानों की उम्मीदें

जयपुरAug 18, 2018 / 10:32 am

PUNEET SHARMA

Farmers can not find information

मानसून ने तोड़ की किसानों की उम्मीदेंमानसून से तोड़ दी किसानों की उम्मीदें
जयपुर।
प्रदेश में इस बार कमजोर मानसून ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। स्थिति ऐसी है कि कमजोर मानसून के चलते इस बार लक्ष्य के मुकाबले 15 लाख हैक्टेयर में कम बुवाई हो सकी है। कमजोर मानसून के चलते बाजारा,दालें और ग्वार की बुवाई का रकबा भी 4 से 5 लाख हैक्टेयर तक घटा है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब अगर बारिश हो भी जाए तो बुवाई नहीं होगी लेकिन जिस क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है वहां बारिश होने से फसलों को नुकसान होगा।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार खरीफ सीजन में 1.60 करोड़ हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया था। राजस्थान में सबसे ज्यादा बाजरा बोया जाता है और इस बार 36 लाख हैक्टेयर में बाजरे की बुवाई हो चुकी है। हालांकि इस बार कमजोर मानसून के चलते बाजरे की बुवाई के रकबे में 5 लाख हैक्टेयर की कमी आई है। वहीं दलहनी फसलों पर भी कमजोर मानसून का आसर आया है।
कमजोर मानसून का असर सबसे ज्यादा पश्चिमी राजस्थान के छह जिलों में आया है। बाडमेर,जैसलमेर और जालोर में तो बाजरे की बुवाई न के बराबर हो सकी है। पिछले साल बेहतर मानसून होने के कारण लक्ष्य के मुकाबले तीन लाख हैक्टेयर में ज्यादा बुवाई हुई थी।

कृषि विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि 15 अगस्त तक प्रदेश में 1.44 करोड़ हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। अब बारिश नहीं हो रही है तो बुवाई या तो कम होगी या होगी ही नहीं। कमजोर मानसून का असर अब रबी की फसल पर भी आएगा।

अभी दो दिन से प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश का दौर शुरू हुआ है। लेकिन इस बारिश से लगता नहीं है कि किसानो को कुछ फायदा होगा। कृषि विभाग के अफसरों का कहना है कि अभी हो रही बारिश से उन किसानों को फायदा होगा जिन्होंने सब्जियो की फसल बोई है।

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