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जयपुर

कांग्रेस शासित राज्यों में किसान ‘दिवालिया’ होने के कगार पर है -चौधरी

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों पर कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को लेकर चौधरी ने कहा कि इन अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसानों की आय बढ़ेगी।

जयपुरSep 13, 2020 / 05:15 pm

Umesh Sharma

कांग्रेस शासित राज्यों में किसान ‘दिवालिया’ होने के कगार पर है -चौधरी

कांग्रेस शासित राज्यों में किसान ‘दिवालिया’ होने के कगार पर है -चौधरी

जयपुर।

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों पर कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को लेकर चौधरी ने कहा कि इन अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसानों की आय बढ़ेगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पर निशाना साधते हुए चौधरी ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में किसान ‘दिवालियापन’ की ओर बढ़ रहा है तथा विकास में पिछड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में कांग्रेस किसानों का पूरा कर्ज माफ करने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार भत्ता देने के वादे पूरे नहीं कर पाई है।
सुरजेवाला के मोदी सरकार पहले जमीन हड़पने और अब खेती हड़पने आरोपों पर चौधरी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश’, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर समझौता अध्यादेश’ तथा ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश’ लागू हैं। ये तीनों ही किसानों को लाभ देने वाले हैं, लेकिन कांग्रेस के लोग अध्यादेशों के मुद्दे पर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार में जितना बजट पूरे कृषि मंत्रालय का था उससे अधिक तो हम अकेले पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में दे रहे हैं। केंद्र सरकार न तो मंडी खत्म करेगी और न एमएसपी।
तीन सुधारों पर चौधरी के तर्क

—एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में संशोधन से अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्‍याज और आलू जैसी फसलों का व्यापार मुक्त तरीके से किया जा सकेगा।

—कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश से यह किसान अपने उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था (एपीएमसी सहित) को बेच सकेगा।
—फॉर्मर्स अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस ऑर्डिनेंस से किसान प्रत्यक्ष रूप से विपणन से जुड़ सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।

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