किसानों को 117 करोड़ रुपए के घाटे की संभावना: रामपाल जाट
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने केन्द्र सरकार पर मूल्य समर्थन नीति के तहत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिका की पालना नहीं करने का आरोप लगाया है।

जयपुर। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने केन्द्र सरकार पर मूल्य समर्थन नीति के तहत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिका की पालना नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे किसानों को चना एवं मूंगफली की खरीद में 117 करोड़ रुपए के घाटे की संभावना है।
जाट ने अपने बयान में कहा कि केन्द्र सरकार के गणितीय भूल को नहीं सुधारने से किसानों को यह घाटा उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मूंगफली के कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से कम खरीद की मात्रा के निर्धारण के कारण 61 करोड़ 76 लाख 92 हजार रुपए के घाटे की संभावना है। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर से मूंगफली की खरीद शुरु होने वाली है। उसमें केन्द्र सरकार द्वारा 25 प्रतिशत के स्थान पर 20.23 प्रतिशत के गलत निधारण के कारण राज्य में सात लाख 72 हजार 115 क्विंटल मूंगफली की कम खरीद होगी।
अभी मूंगफली के समर्थन मूल्य 5275 रुपए प्रति क्विंटल हैं जबकि बाजार में प्रचलित मूल्य 4400-4500 रुपए के लगभग हैं। इसके अनुसार एक क्विंटल पर करीब आठ सौ रुपए का घाटा होगा। इसी प्रकार चने की खरीद भी 22़ 93 प्रतिशत की गई थी। विपणन वर्ष 2021-22 की रबी उपजों की मूल्य नीति में राजस्थान में 24.9 प्रतिशत से अधिक चना खरीद के प्रस्तावों को तो स्वीकार नहीं किया गया जबकि इसी अवधि में मध्यप्रदेश में 27़ 1 प्रतिशत चना खरीदा गया हैं।
यह अन्य राज्यों के किसानों के मध्य भेदभाव पूर्ण व्यवहार है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र सरकार से श्वैत पत्र प्रसारित करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में उपचुनाव जीतने के लिए गोपनीय ढंग से 27.1 प्रतिशत चना की खरीद की गई जबकि राजस्थान सहित अन्य राज्यों से 25 प्रतिशत तक भी खरीद नहीं की गई। इससे किसानों में रोष हैं।
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