इस योजना का लाभ ऎसे व्यापारियों को भी मिलेगा जिन्होंने संपूर्ण मूल बकाया राशि या फिर इसका कुछ भाग जमा करा दिया है, लेकिन उन पर ब्याज या विलम्ब शुल्क अभी भी बकाया है।
हालांकि जिन बकायादारों से पूर्व में ब्याज सहित राशि की वसूली हो चुकी है, उन्हें ब्याज में छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए बकायादारों को उनके की ओर से किसी भी न्यायिक स्तर पर दायर वाद एवं प्रकरण वापस लेने होंगे।
बता दें कि प्रदेश में मंडी शुल्क और दूसरे राशि के बकाया रहने की हालत में मंडी स्तर पर और न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन रहते हैं। बीते दिनों मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में विचार कर ब्याज माफी योजना प्रारंभ करने का अनुरोध किया था। जिस पर गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।