आंदोलन में शामिल किसानों के बीच बढ़ते विवाद में राजस्थान के किसान नेता व किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट भी निशाने पर हैं। दरअसल, रामपाल जाट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी में बदलाव करने की अपील करते हुए एक अर्जी दाखिल की है। जबकि उनका विरोध जता रहे किसान कमेटी गठन के ‘सुप्रीम’ आदेश से ही खफा हैं। वे कृषि कानून रद्द करने की एकमात्र मांग कर रहे हैं।
शाहजहांपुर-खेड़ा बोर्डर पर आंदोलन में शामिल किसान नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान नेता रामपाल जाट को दो टूक शब्दों में कहा है कि ये कारस्तानी व किसान आंदोलन के साथ ग़द्दारी माफ़ी योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले दिन से ही सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का बहिष्कार किया हुआ है।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी पर आपत्ति जताते हुए उसमें बदलाव की पैरवी की है। शीर्ष अदालत में एक याचिका लगाते हुए जाट ने कमेटी के सदस्यों पर आपत्ति जताई है। साथ ही कमेटी सदस्यों पर कृषि कानूनों को लेकर अत्यधिक पक्षपाती और पूर्वाग्रही होने की आशंका जताई है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों का पक्ष सुनकर गतिरोध ख़त्म करने की दिशा में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
रामपाल जाट ने अपनी याचिका में कमेटी में संतुलन बनाने के लिए समान संख्या में उन सदस्यों को भी शामिल करने की अपील की है जो कृषि कानूनों के विरुद्ध विचार रखते हों। साथ ही भारत के किसी सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को निर्णायक के तौर पर नियुक्त करने की भी अपील की गई है।