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किसानों ने किया प्रदर्शन, दिया धरना, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

locationजयपुरPublished: Jul 21, 2020 05:26:12 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

मांगे पूरी किए जाने की मांगदी आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने किया प्रदर्शन, दिया धरना, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

किसानों ने किया प्रदर्शन, दिया धरना, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में बुधवार को किसानों के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत जिला मुख्यालयों पर किसानों की ओर से प्रदर्शन किया गया। राजधानी जयपुर में कलेक्ट्रेट पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम विभिन्न मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया।
किसानों का कहना था कि गत खरीफ सीजन से ही लगातार किसान बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, टिड्डी हमलें व पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे थे । इस दौरान ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, कम विद्युत उपभोग को आधार मान कर गलत विजिलेंस कार्यवाही, डेमो में पर्याप्त पानी होने के बावजूद सिंचाई हेतु नहीं देने, समर्थन मूल्य पर खरीद औपचारिता के साथ ही विद्युत विभाग की ओर से विद्युत बिलों में मिलने वाला 833 रुपए मासिक का अनुदान रोककर व विद्युत बिलों में पेलेंटी शुरू कर दी जिसने किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम कर दिया।
इसी बीच कोरोना महामारी संकट से जल्दी खराब होने वाली सब्जी,फल व फूलों की फसलों में बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, वही शेष कृषि जिंसों के भावों में आई भारी गिरावट से किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई। जिससे किसान कृषि विद्युत के बिल जमा करवाने समर्थ नहीं है। ऐसे में प्रदेश के किसान अनुदान समायोजित हुए बिना, पेलेंटी जोड़कर गलत जारी किए गए कृषि विद्युत बिलों के बहिष्कार का निर्णय करने को मजबूर हो गए हैं लेकिन सरकार का रवैया उदासीन बना हुआ है। इससे मजबूर होकर किसानों को सड़कों पर आना पड़ा है। संस्थान के अध्यक्ष कालूराम बागड़ा का कहना था कि यह किसानों का ये अंतिम मर्यादित प्रदर्शन व ज्ञापन कार्यक्रम है आज के बाद किसान मर्यादा को लांघकर अनिश्चिकालीन आंदोलन व ग्राम बंद के निर्णय पर मजबूर हो सकते हैं।

क्या हैं किसानों की मांगे
आगामी 6 माह के किसानों के कृषि व घरेलू विद्युत बिल माफ किए जाए।
कृषि विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपए प्रतिमाह का विद्युत अनुदान पुन: शुरू किया जाए
विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए
बकाया बिलों की वसूली बंद कर कृषि कनेक्शन काटने पर रोक लगाई जाए
जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए बकाया भुगतान की शर्त हटाई जाए
विभिन्न तत्काल प्राथमिकता वाले कृषि विद्युत कनेक्शनों के मांग पत्र जारी करने से रोक हटाई जाए
मार्च 2012 से लंबित सामान्य श्रेणी के कृषि संबंधों की कट ऑफ दिनांक बढ़ाकर कनेक्शन जारी करें।
विभिन्न पुनर्भुगतान योजनाओं में किसानों का डिस्कामों में बकाया ब्याज सहित विद्युत बिलों में समायोजित किया जाए
एक वर्ष पुरानी ऑडिट की राशि विद्युत बिल में नही जोड़ी जाए।
स्वीकृत भार में एक से अधिक पम्प चलाने पर मांग पत्र राशि खत्म कर पूर्व जैसे निशुल्क किया जाए
सिंगल फेज कृषि कनेक्शन जारी किए जाएं
सतर्कता जांच के नाम पर किसानों का शोषण बंद किया जाए।
हाइटेंशन विद्युत लाइनों के नीचे आई जमीन का मुआवजा दिया जाए।
समर्थन मूल्य पर उत्पादन की 40 प्रतिशत फसल खरीद सुनिश्चित हो और बाजार में एमएसपी से नीचे फसल खरीदने पर कानूनी अपराध घोषित करने का प्रावधान लाया जाए।
गेंहू की खरीद का मापदंड पुराने वर्ष की खरीद के आंकड़े से किया जाता है जो गलत है अत: खरीद तत्कालीन वर्ष के उत्पादन के आंकड़े के अनुसार किया जाए।
जिलों में चना खरीद की बकाया ऑनलाइन विक्रय पर्ची उपलब्ध करवाई जाए और पंजीकृत सभी किसानों से खरीद सुनिश्चित किया जाए।
ब्याज मुक्त सहकारी ऋण वितरण में कटौतीए बकाया खत्म कर चुके ओवरड्यूज खातों, नोशनल शेयर धारक को ऋण पुन: शुरू कर साख सीमा के बराबर सभी किसानों को ऋण दिया जाए।
किसाटिड्डी नियंत्रण के लिए केमिकल व डीजल किसानों को नि:शुल्क व सुलभ उपलब्ध करवाया जाए।
टिड्डियों से फसल खराबे का मुआवजा देना सुनिश्चित करें।
फसल बीमा में जोखिम राशि व गारंटी उपज गलत निर्धारित है इस विसंगतियों को दूर किया जाए।
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