किसानों को हिदायत…इनका इस्तेमाल जरा संभलकर
जयपुरPublished: Dec 08, 2019 07:56:21 pm
कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के दुष्प्रभावों पर विज्ञान और गैरसरकारी संस्थाएं तो काफी समय से चेतावनी की घंटी बजा रहे हैं, लेकिन अब राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी किसानों को चेताते हुए कहा है कि उन्हें कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से बचना चाहिए।
राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा में आयोजित अखिल भारतीय कार्यशाला में किसानों को संबोधित करते हुए कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि आधुनिक कृषि में फसलों को कीट बीमारी एवं खरपतवारों से बचाने एवं पैदावार बढ़ाने के लिए कीटनाशकों फफूंदीनाशकों एवं खरपतवारनाशकों का प्रयोग हो रहा है। इनके अंधाधुंध प्रयोग से इनके अवशेष.. हमारी खाद्य शृंखला में अवांछित रूप से बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
धरती की भी बिगड़ रही सेहत
कटारिया ने कहा कि हमारे किसान जो आमदनी बढ़ाने के लिए अंधाधुंध रूप से कीटनाशकों को उपयोग कर रहे हैं। वह मानव एवं धरती माता के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रहा है और मानव स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल रहा है। जिससे मनुष्य में गुर्दे, यकृत एवं कैंसर जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। कैंसर की बीमारी प्रदेश में भी तेजी से बढ़ रही है, जो कि चिंता का विषय है।
जैविक और परंपरागत खेती ही समाधान
उन्होंने कहा कि इसके समाधान के लिए हमारे किसानों को फिर से जैविक एवं परम्परागत खेती की और ध्यान देना होगा, जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त कृषि की तरफ बढ़ा जा सकेगा और पर्यावरण एवं मानव जाति को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने बताया कि वर्षा जल का संरक्षण एवं समुचित उपयोग करके किसान खेती को लाभदायक बना सकते हैं।
जरूरी होने पर ही हो प्रयोग
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति डॉ. जे.एस. संधू ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि में उपयोग होने वाले रसायनों का प्रयोग पूर्ण जानकारी से ही उचित समय तथा जरूरी होने पर ही निम्नतम मात्रा में ही उपयोग किया जाए।
सुरक्षा किट का वितरण
इस अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि मंत्री की ओर से कीटनाशी के प्रयोग के समय काम आने वाले सुरक्षा किट का भी वितरण किया गया। कार्यशाला में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए लगभग 200 किसानों ने भाग लिया।