इसके साथ ही कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र के लिए मण्डी समितियों में आवेदन करने से भी छूट दी गई है। अब कृषि प्रसंस्करण इकाईयों यथा दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल, चावल मिल इत्यादि को लाइसेंस के लिए मण्डी समितियों में आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मण्डी समितियां इन प्रसंस्करण इकाईयों को स्वतः ही सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र जारी करेगी। कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अब तक आवेदन के साथ उनके द्वारा घोषित एक दिन की खरीद के समतुल्य प्रतिभूति जमा करवानी होती है। इस प्रावधान में भी छूट दी गई है, अब यह प्रतिभूति 30 जून 2020 तक जमा कराई जा सकती है। इससे राज्य में लगभग 500 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अनुज्ञापत्र मिल सकेंगे। इस निर्णय से किसानों को अपने खेत के समीप ही कृषि उपज के विक्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही प्रसंस्करण उद्योगों को कच्चा माल सहज उपलब्ध हो सकेगा।
बीमा के राज्यांश के लिए 500 करोड़
प्रमुख शासन सचिव गंगवार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्यांश प्रीमियम जमा करवाने के लिए 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है। पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपये का भुगतान कर चुकी है।