यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है, जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके। वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं। इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है। राजस्थान के 72 टोल प्लाजा से पर प्रतिदिन 3,64,251 वाहन फास्टैग लेकर चल रहे हैं।
टोल क्षेत्र प्रतिशत में वाहन संख्या
अजमेर : 60.32
बाड़मेर : 28.74
बीकानेर : 51.85
चित्तौडगढ़ : 61.98
दौसा : 57.18
हनुमानगढ़ : 51.56
जयपुर : 64
जोधपुर : 66.68
कोटा : 61.73
सवाईमाधोपुर : 52.09
सीकर : 67.28
उदयपुर : 66