फास्टटैग के उपयोग में तेजी आने से टोल प्लाजा पर अब इलेक्ट्रोनिक तरीके से राशि संग्रहण में काफी इजाफा हुआ है। लाखों वाहनों के रोजाना टोल से गुजरने से अब 50 करोड़ से ज्यादा राशि संग्रह इलेक्ट्रोनिक तरीके से रोजाना हो रही है। खास बात यह है कि शुरूआती दौर में लोगों को इस व्यवस्था के लागू होने से कठिनाई महसूस हो रही थी। लेकिन अब टोल प्लाजा पर लम्बी कतारों से राहत मिलने से लोगों में खुशी है।
जिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों का दबाव है। वहां पहले हर टोल प्लाजा पर 15 मिनट से 25 मिनट तक का समय खराब हो रहा था। फिर टोल प्लाजा पर वाहन की खिड़की खोलकर रुपए देने से प्रदूषण का तो सामना करना पड़ रहा था। अब किसी भी टोल प्लाजा पर रूकने और वाहन की खिड़की खोलने की जरूरत नहीं पड़ रही है। हालांकि अभी कुछ टोल प्लाजा पर फास्टटैग को स्कैन करने में परेशानी जरूर हो रही है। जिसमें सुधार के लगातार प्रयास चल रहे हैं।
एनएचएआई के लोगों का कहना है कि इस व्यवस्था में धीरे-धीरे और सुधार आ जाएगा। फास्टटैग रिचार्ज को आसान बनाने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में रिचार्ज के कई अन्य तरीकों में भीम यूपीआई एप को भी शामिल कर लिया है। इससे किसी भी यूपीआई पंजीकृत बैंक के जरिए फास्टैग को रिचार्ज करने में काफी राहत मिली है।