जयपुरPublished: Mar 12, 2023 10:08:28 am
Anand Mani Tripathi
‘मैंने सुहाग खोया है और मेरे दोनों बच्चों ने अपना पिता। मेरे पति वीर थे, वे दुश्मनों से जीत गए थे। उन्होंने किसी छोटे आतंकी को नहीं बल्कि जैश के खुंखार आतंकी गाजी कामरान को मार गिराया था। वे तो आतंकियों से जीत गए थे, लेकिन मैं पिछले चार साल से अफसरों के चक्कर लगाकर थक गई हूं। पूरा सरकारी सिस्टम मुझे हराने में लगा हुआ है...’ यह कहते-कहते वीरांगना सुनीता गुर्जर की आंखें भर आईं।
‘मैंने सुहाग खोया है और मेरे दोनों बच्चों ने अपना पिता। मेरे पति वीर थे, वे दुश्मनों से जीत गए थे। उन्होंने किसी छोटे आतंकी को नहीं बल्कि जैश के खुंखार आतंकी गाजी कामरान को मार गिराया था। वे तो आतंकियों से जीत गए थे, लेकिन मैं पिछले चार साल से अफसरों के चक्कर लगाकर थक गई हूं। पूरा सरकारी सिस्टम मुझे हराने में लगा हुआ है...’ यह कहते-कहते वीरांगना सुनीता गुर्जर की आंखें भर आईं।