जयपुर

Fathers Day 2019 : कभी गांव में नहीं था कोई अफसर, किसान पिता ने बेटे को बनाया RAS, अब है जयपुर के ADM

गांव में कोई अफसर नहीं था, बस ठान लिया बेटे को आरएएस बनाकर दम लिया

जयपुरJun 15, 2019 / 08:53 pm

pushpendra shekhawat

Fathers Day 2019 : कभी गांव में नहीं था कोई अफसर, किसान पिता ने बेटे को बनाया RAS, अब है जयपुर के ADM

विजय शर्मा / जयपुर। सवाईमाधोपुर जिले में छोटा सा गांव पनौता। हर बार सुनता था कि आस-पास के गांव या तहसील से कोई न कोई अफसर बन रहा है। लेकिन हमारे गांव से युवा कभी अफसर नहीं बने। मैं पढ़ा-लिखा नहीं था। लेकिन मन में बस एक टीस थी, मेरे गांव से भी कोई अफसर बने। लेकिन शुरूआत कहां से हो। मेरे तीन बेटे थे। सोच लिया तीनों से एक को अफसर बनाकर ही दम लूंगा। बस फिर क्या था। सबसे छोटे बेटे को अपनी मन की बात बताई। बेटा भी पिता का सपना पूरा करने से पीछे नहीं हटा। तंगहाली और गरीबी में घर को चलाया और बेटे को भी पढऩे के लिए शहर भेज दिया। मेरे सपने को साकार करने में बेटा भी पीछे नहीं रहा और एक बार में ही परीक्षा पास कर आरएएस में सलेक्ट हो गया। उस समय मेरी आंखों से खुशी के आंसू आ गए। पूरे गांव में बेटा पहला अफसर बना। यह कहना है कि गजानंद मीणा का। यह कोई और नहीं बल्कि जयपुर के एडीएम दक्षिण धारा सिंह मीणा के पिता है। पत्रिका से बातचीत में गजानंद मीणा का कहना है कि धारा सिंह के आरएएस बनने के बाद गांव में युवाओं में भी लगन लगी, कि उन्होंने भी पढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। गांव में अब आरएएस बनने लगे हैं।
 

कभी उधारी ली तो कभी फसल बेची
गजानंद ने बताया कि मेरे परिवार की अच्छी स्थिति नहीं थी। शुरू से ही खेती पर गुजारा किया है। फसल बाजार में अच्छी बिक जाती तो साल अच्छी निकलती थी। नहीं तो फिर उधारी से घर-खर्च चलता था। इसी बीच बेटे को अफसर बनाने की जिम्मेदारी भी आ गई। कभी फसल बेची तो कभी कर्जा लिया। बेटे की पढ़ाई पूरी करा कर उसे जयपुर-दिल्ली जैसे अच्छे शहरों में तैयारी कराई।
 

गांव में रहना पसंद करता, युवाओं को प्रेरित करता

गजानंद ने बताया कि बेटे के आरएएस बनने के बाद ऐसा नहीं कि गांव छोड़कर शहर आ गया। मुझे मेरा गांव ही पसंद है। कभी-कभी बेटे धारा की जिद पर उनके पास आता हूं। लेकिन मुझे मेरे गांव से ही प्यार है। खेती का काम अभी भी नहीं छोड़ा।

मैं आज जो कुछ भी हूं, पिता की बदौलत हूं। मुझे समाज और जनता की सेवा की सीख देते हुए अफसर बनाया। मुझे पिता का सपना पूरा करने का सौभाग्य मिला। यह मेरी सबसे बड़ी कामयाबी है।
धारा सिंह मीणा, आरएएस और एडीएम दक्षिण जयपुर
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