दूसरे देशों में 23 प्रतिशत बच्चों में कोई लक्षण नहीं पाए गए। शोध में सामने आया कि देश में बीसीजी वैक्सीन ज्यादा लगाई जाती है, इस कारण यहां कोरोना वायरस के प्रति हमारी इम्यूनिटी ज्यादा मजबूत है। यहां दूसरे वायरल इन्फेक्शन भी कॉमन हैं। इससे बच्चों में क्रॉस इम्यूनिटी ज्यादा है। बच्चों में इन वायरस के लक्षण ज्यादा दिखाई नहीं देते। शोध में पाया गया कि पेट के लक्षणों वाले बच्चे ज्यादा गंभीर थे।
अप्रेल-मई में हुए शोध में 71 बच्चे शामिल थे। इसमें सामने आया कि अन्य देशों में बच्चों में संक्रमण दर एक से तीन साल के बच्चों में ज्यादा थी। जयपुर में दस साल से ज्यादा उम्र के बच्चे ४८ फीसदी संक्रमित मिले हैं। दूसरे देशों में कुल केस के 2.2 प्रतिशत ही बच्चे थे।