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बुखार-उल्टी-दस्त पर भी बच्चों में कोरोना की आशंका

locationजयपुरPublished: Jun 03, 2020 05:23:19 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

खुलासा: सीकर के डॉक्टर दम्पती ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज में 71 बच्चों पर किया शोध

Fear of corona in children even on fever-vomiting-diarrhea

Revealed: Sikar’s doctor couple researched 71 children in SMS Medical College

मूंडरू . सीकर . खांसी-जुकाम या बुखार ही नहीं बल्कि बच्चों में बुखार के साथ उल्टी-दस्त, पेट दर्द होने पर भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में बच्चों पर हुए एक शोध में यह तथ्य सामने आया है।
जेके लोन अस्पताल के सहायक प्रोफेसर सीकर जिले के डॉ. योगेश व डॉ. कविता यादव ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में यह शोध किया है। उन्होंने एसएमएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती बच्चों का एक शोध पत्र वल्र्ड जनरल ऑफ पीडियाट्रिक में भेजा है। यादव ने बताया कि 20 दिन का एक बच्चा बुखार एवं दस्त की शिकायत लेकर अस्पताल में भर्ती हुआ। शुरुआती लक्षणों में खांसी या सांस संबंधी दिक्कत नहीं थी लेकिन कोरोना जांच में बच्चा पॉजिटिव निकला। तीन अन्य बच्चे भी पेट संबंधी लक्षणों के साथ भर्ती हुए और कोरोना पॉजिटिव पाए गए। संभव है कि वायरस का इन्फेक्शन पेट के जरिए हुआ हो। पेट में भी वायरस के एसीई-2 रिसेप्टर मिलते हैं। उल्टी-दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षण एेसे चार प्रतिशत बच्चों में मिले। सिर दर्द और बुखार के साथ दौरे आने की भी शिकायत 1.4 प्रतिशत में मिली। गंभीर बच्चों में रक्त में लिंफोसाइट काउंटव प्लेटलेट काउंट कम मिले। शोध एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी, जेकेलोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता के निर्देशन में हुआ।
हमारे यहां क्रॉस इम्यूनिटी ज्यादा
दूसरे देशों में 23 प्रतिशत बच्चों में कोई लक्षण नहीं पाए गए। शोध में सामने आया कि देश में बीसीजी वैक्सीन ज्यादा लगाई जाती है, इस कारण यहां कोरोना वायरस के प्रति हमारी इम्यूनिटी ज्यादा मजबूत है। यहां दूसरे वायरल इन्फेक्शन भी कॉमन हैं। इससे बच्चों में क्रॉस इम्यूनिटी ज्यादा है। बच्चों में इन वायरस के लक्षण ज्यादा दिखाई नहीं देते। शोध में पाया गया कि पेट के लक्षणों वाले बच्चे ज्यादा गंभीर थे।
दो महीने में भर्ती बच्चों पर शोध
अप्रेल-मई में हुए शोध में 71 बच्चे शामिल थे। इसमें सामने आया कि अन्य देशों में बच्चों में संक्रमण दर एक से तीन साल के बच्चों में ज्यादा थी। जयपुर में दस साल से ज्यादा उम्र के बच्चे ४८ फीसदी संक्रमित मिले हैं। दूसरे देशों में कुल केस के 2.2 प्रतिशत ही बच्चे थे।
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