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हार के डर से निगमों को दो भागों में बांटा : मेघवाल

locationजयपुरPublished: Oct 15, 2020 07:27:51 pm

Submitted by:

sanjay kaushik

central केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री ( State Minister for Heavy Industries ) अर्जुनराम मेघवाल ( Arjunram Meghwal ) ने कहा है कि हार के डर से ( Fearing Defeat ) कांग्रेस ( Congress ) ने निगमों को दो भागों में बांटा ( Corporations Split into Two Parts ) है। ( Jaipur News )

हार के डर से निगमों को दो भागों में बांटा : मेघवाल

हार के डर से निगमों को दो भागों में बांटा : मेघवाल

-केंद्रीय राज्यमंत्री का कांग्रेस पर आरोप


-निगम ही नहीं वार्ड और कॉलोनियां भी तोड़ी

-राज्य निर्वाचन आयोग की शर्तों का भी उल्लंघन

-सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार

जयपुर। केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री ( State Minister for Heavy Industries ) अर्जुनराम मेघवाल ( Arjunram Meghwal ) ने कहा है कि हार के डर से ( Fearing Defeat ) कांग्रेस ( Congress ) ने निगमों को दो भागों में बांटा ( Corporations Split into Two Parts ) है। ( Jaipur News ) मेघवाल ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा कि जोधपुर, कोटा और जयपुर में कांग्रेस जीत नहीं पाती तो उन्होंने इन शहरों में दो-दो निगम बना दिए। नियमों का उल्लंघन करके इस तरह परिसीमन किए गए कि कई वार्ड तोड़ दिए, कॉलोनी तोड़ दी गई। राज्य निर्वाचन आयोग की शर्तों का भी उल्लंघन किया गया। मापदंडों का पालन नहीं किया गया। मेघवाल ने कहा कि इस तरह की स्थतियां पैदा की उसके बावजूद चुनाव टालने का प्रयास किया, जिस पर कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट की फटकार पड़ी तो आनन फानन में चुनाव की प्रक्रिया जारी की गई।
-भाजपा को चुनौती स्वीकार…दृष्टिपत्र के अनुसार काम

मेघवाल ने कहा कि भाजपा इस चुनौती को स्वीकार करती है। अगर भाजपा जीतती है तो हमारा ²ष्टिपत्र होगा, जिसके अनुसार ही काम किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना सहित कई योजनाओं का पैसा अन्य मदों में लगा दिया। केंद्र सरकार के धन के वितरण में भी भारी पक्षपात किया गया। यह भी उनके चुनाव प्रचार का मुद्दा रहेगा।
-राज्य सरकार पर आरोप-दर-आरोप

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में निगमों की हालत खराब हो गई है। सारे कामकाज ठप हो गए हैं। जोधपुर में तो काम ही बंद हैं। जयपुर में तो निगमकर्मियों को वेतन भी समय पर नहीं मिल पा रहा है। सड़कों की हालत खराब है। नालों की सफाई नहीं हो रही है। मेघवाल ने कहा कि कृषि में सुधार के लिये पहली बार 1990 में भानुप्रताप समिति की रिपोर्ट लाई गयी थी, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। इसके बाद भी अन्य सुधार किए गए, लेकिन इसे छोड़ दिया गया। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार कानून का वायदा किया था, उसे ही हमने लागू किया तो कांग्रेस अब हल्ल मचा रही है। श्रम सुधार कानून का जिक्र करते हुए मेघवाल ने कहा कि पहले 44 तरह के कानून थे और 11 हजार से अधिक दरें थीं। हमने इन कानूनों को सरल करके चार संहिताओं में बदला है। कांग्रेस अब इसका विरोध कर रही है।

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