5 घंटे बाद खोला, भीतर पड़ी थी शराब की बोतलें
सिंधी कैम्प स्थित वात्सालय भवन का जब जायजा लिया गया तो यहां पर ताला लगा मिला। इसी दौरान उदयपुर से आई धात्री महिला यात्री खुशी देवी मेघवाल स्तनपान कक्ष के बाहर अपने शिशु को स्तनपान करवाती दिखीं। खुशी ने बताया कि जयपुर बस स्टैण्ड पर शिशु स्तनपान कक्ष बना देखकर यहां के अधिकारियों—कर्मचारियों से ताला खोलने को कहा। लेकिन उन्होंने ताला नहीं खोला। बार—बार कहने पर 5 घंटे बाद जब शिशु स्तनपान कक्ष का ताला खोला गया, तो भीतर गंदगी थी शराब की खाली बोतलें पड़ी हुई थी। इन हालात को देखकर खुशी डर गईं और शिशु स्तनपान कक्ष में नहीं रूक पाई। ऐसे में धात्री महिला को बस स्टैण्ड परिसर में ही फर्श पर सबके सामने ही शिशु को स्तनपान करवाना पड़ा।
सिंधी कैम्प स्थित वात्सालय भवन का जब जायजा लिया गया तो यहां पर ताला लगा मिला। इसी दौरान उदयपुर से आई धात्री महिला यात्री खुशी देवी मेघवाल स्तनपान कक्ष के बाहर अपने शिशु को स्तनपान करवाती दिखीं। खुशी ने बताया कि जयपुर बस स्टैण्ड पर शिशु स्तनपान कक्ष बना देखकर यहां के अधिकारियों—कर्मचारियों से ताला खोलने को कहा। लेकिन उन्होंने ताला नहीं खोला। बार—बार कहने पर 5 घंटे बाद जब शिशु स्तनपान कक्ष का ताला खोला गया, तो भीतर गंदगी थी शराब की खाली बोतलें पड़ी हुई थी। इन हालात को देखकर खुशी डर गईं और शिशु स्तनपान कक्ष में नहीं रूक पाई। ऐसे में धात्री महिला को बस स्टैण्ड परिसर में ही फर्श पर सबके सामने ही शिशु को स्तनपान करवाना पड़ा।
शिशु स्तनपान कक्ष में शराब पार्टी
सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सिंधी कैम्प बस स्टैण्ड पर बने वात्सालय शिशु स्तनपान कक्ष पर हर समय ताला लगा रहता है। और इसके चाबी बस अड्डा अधिकारी के पास होती है। ऐसे में शिशु स्तपान कक्ष में शराब की खाली बोतलें कैसे यहां आ गई ये सवाल खड़ा होता है। शिशु स्तनपान कक्ष में शराब की बोतलें देखकर लगता है कि यहां पर रात के समय शराब पार्टी होती है। शिशु स्तनपान कक्ष के भीतर के हालात देखकर लगा कि यहां रात में रोडवेज स्टाफ के लोग रूकते हैं और शराब पीते हैं। लेकिन बस स्टैण्ड अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। लगता है सबकुछ सहमति से चल रहा है। जो कक्ष धात्री महिलाओं की सुविधा के लिए बनाया गया है, वो अब शराब पार्टी का अड्डा बन गया है।
सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सिंधी कैम्प बस स्टैण्ड पर बने वात्सालय शिशु स्तनपान कक्ष पर हर समय ताला लगा रहता है। और इसके चाबी बस अड्डा अधिकारी के पास होती है। ऐसे में शिशु स्तपान कक्ष में शराब की खाली बोतलें कैसे यहां आ गई ये सवाल खड़ा होता है। शिशु स्तनपान कक्ष में शराब की बोतलें देखकर लगता है कि यहां पर रात के समय शराब पार्टी होती है। शिशु स्तनपान कक्ष के भीतर के हालात देखकर लगा कि यहां रात में रोडवेज स्टाफ के लोग रूकते हैं और शराब पीते हैं। लेकिन बस स्टैण्ड अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। लगता है सबकुछ सहमति से चल रहा है। जो कक्ष धात्री महिलाओं की सुविधा के लिए बनाया गया है, वो अब शराब पार्टी का अड्डा बन गया है।