नवविवाहिताओं को ससुराल पक्ष की ओर से सिंजारा के रूप में घेवर, फल सहित अन्य उपहार भेजे जाएंगे। अगले दिन तीज पर त्रिपोलिया गेट से शाही ठाठ-बाठ से तीज माता की सवारी निकाली जाएगी। तीज उत्सव में अनेक सांस्कृति कार्यक्रम होंगे।तालकटोरा और पौण्डरिक उद्यान में रोशनी के साथ फव्वारे चलाए जाएंगे। 13 अगस्त की शाम तीज माता की सवारी जनाना ड्योडी से शुरू होगी, जो त्रिपोलिया गेट, छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पाल पहुंचेगी। तीज माता की परम्परागत शाही सवारी में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां आकर्षण का केन्द्र रहती है। कच्ची घोड़ी और कालबेलिया नृत्य देखते ही बनता है। और अगले दिन बूढ़ी तीज माता की सवारी निकाली जाती है।
वहीं सावन माह में शहर के अधिकतर शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है,चारों ओर हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। कावड़िए शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन शहर में कुछ ऐसे भी शिवालय है जहां अब पहले की अपेक्षा बहुत कम श्रद्धालु आ रहे हैं। यह है मेट्रो निर्माण के दौरान हटाए शिवालय जिन्हें सरकार ने मूल स्थान से हटा कर दूसरी जगह शिफ्ट करवा दिया था।
इन मंदिरों को ऐसे स्थान पर शिफ्ट किया गया जहां लोगों का आना बहुत कम है। सरकार ने माणक चौक थाने के पीछे गौरीशंकर महादेव मंदिर, अमनेश्वर, जमनेश्वर महादेव मंदिर, श्रीगणेश शिव मंदिर और ध्रुव मुखी महावीर हनुमान मंदिर को भी शिफ्ट किया था। पहले जहां इन मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता था वहां अब सुबह शाम ही भक्त आ रहे हैं।