आपको बता दें कि भूमेन्द्र सागर बांध गोठरा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को पानी की पूर्ति करता है। बांध की कुल भराव क्षमता 18 फीट है, लेकिन पानी की आवक नहीं होने से बांध सूखा पड़ा है। मौसम विभाग की माने तो राजस्थान में पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अच्छी बार बारिश हुई है।
क्षेत्र के लोगों का मानना है कि बांध के भरने के बाद ही क्षेत्र के कुएं में जल स्तर बढ़ता है,लेकिन बांध में पानी की आवक वाले स्थानों पर जगह जगह पर पक्की दीवार खड़ी होने से जलभराव के रास्ते बंद हो गए हैं। वन विभाग और ग्राम पंचायत की ओर से कराए गए मेड बंधी और तलाई निर्माण के कामों से बांध को किसी प्रकार का फायदा नहीं हुआ है। पानी आने के स्रोत बंद हो गए हैं। सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता रामलखन मीना का कहना है कि भूमेन्द्र सागर बांध के ऊपर पहाड़ी पर ग्राम पंचायत और वन विभाग की ओर से अलग अलग स्कीम के तहत तलाई व पक्की दीवारों का निर्माण करा दिया है जिससे बारिश का पूरा पानी बांध तक नहीं पहुच पाया है। जिससे बांध खाली रह जाता है। ब्यूरो रिपोर्ट पत्रिका टीवी