इस दौरान फिल्मी स्टाइल में लात-घूंसे चले और करीब आधा घंटा तक टोल पर रनथ्रू जारी रहा। बाद में सूचना पर पहुंची सामोद पुलिस ने समझाइश कर मामला शांत कराया। इस मामले में पुलिस ने एक जने को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया, लेकिन मामला थमा नहीं। ग्रामीणों ने पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है।
इधर, धरने के छठवें दिन चौमूं-आमेर चौधरी चरणसिंह समिति के अध्यक्ष कालूराम भावरिया ने धरनार्थियों को संगठित रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संगठित रहते उनकी आवाज को कोई दबा नहीं सकता है। अब आर-पार की लड़ाई लडऩे का समय आ गया है।
समाजसेवी कैलाश सैनी ने धरनार्थियों की मांग को वाजिब बताया। पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों से हर वर्ग त्रस्त है। सब्जी और दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों को टोल वसूली में छूट देना चाहिए। पूर्व कृषि मंडी अध्यक्ष सांवरलाल चौधरी ने भी संबोधित किया।
बाजार बंद का ऐलान
इधर, धरने में आसपास के पांच गांव के लोगों के जुटने के साथ ही स्थानीय दुकानदारों ने भी समर्थन दिया। बांसा खाल्डा व्यापार मंडल अध्यक्ष सोहनलाल पाटीवाला और महासचिव प्रभु पंचौली ने धरने को समर्थन देते हुए बाजार बंद रखने की बात कही। इस पर दुकानदारों ने शुक्रवार को बांसा खाल्डा, चीथवाड़ी मोड़ और जाटावाली मोड़ समेत आसपास के बाजार बंद रखने का ऐलान किया।
इधर, धरने में आसपास के पांच गांव के लोगों के जुटने के साथ ही स्थानीय दुकानदारों ने भी समर्थन दिया। बांसा खाल्डा व्यापार मंडल अध्यक्ष सोहनलाल पाटीवाला और महासचिव प्रभु पंचौली ने धरने को समर्थन देते हुए बाजार बंद रखने की बात कही। इस पर दुकानदारों ने शुक्रवार को बांसा खाल्डा, चीथवाड़ी मोड़ और जाटावाली मोड़ समेत आसपास के बाजार बंद रखने का ऐलान किया।
क्रमिक अनशन जारी
मांगों को लेकर दूसरे दिन भी तीन लोगों ने क्रमिक अनशन किया। धरने पर बैठे गोपाललाल बराला, हनुमान बराला और गोपाल गोलाड़ा ने क्रमिक अनशन किया। इन सभी लोगों को धरनार्थियों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। धरनार्थियों ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक धरना और क्रमिक अनशन जारी रखा जाएगा।
मांगों को लेकर दूसरे दिन भी तीन लोगों ने क्रमिक अनशन किया। धरने पर बैठे गोपाललाल बराला, हनुमान बराला और गोपाल गोलाड़ा ने क्रमिक अनशन किया। इन सभी लोगों को धरनार्थियों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। धरनार्थियों ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक धरना और क्रमिक अनशन जारी रखा जाएगा।
मारपीट और कैश काउंटर में घुसने का आरोप
बुधवार रात को हुए झगड़े के बाद टोल मैनेजर कर्मवीर सिंह ने आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मारपीट और कैश काउंटर में घुसने का मामला दर्ज करवाया है। इनमें रामेश्वर निठारवाल, रामेश्वर बराला, कानाराम, महेश कुमार और मुकेश कुमार समेत कई लोगों को आरोपित बनाया गया। इनमें से पुलिस ने रामेश्वर बराला को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया। जिन्हें न्यायालय में पेश कर जमानत पर छोड़ दिया गया।
बुधवार रात को हुए झगड़े के बाद टोल मैनेजर कर्मवीर सिंह ने आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मारपीट और कैश काउंटर में घुसने का मामला दर्ज करवाया है। इनमें रामेश्वर निठारवाल, रामेश्वर बराला, कानाराम, महेश कुमार और मुकेश कुमार समेत कई लोगों को आरोपित बनाया गया। इनमें से पुलिस ने रामेश्वर बराला को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया। जिन्हें न्यायालय में पेश कर जमानत पर छोड़ दिया गया।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि चौमूं-चंदवाजी स्टेट हाईवे पर कुशलपुरा में बने टोल के खिलाफ पिछले छह दिन से लोग धरने पर बैठे है। मांगों को लेकर दो दिन पहले एसडीएम कार्यालय में टोल प्रशासन और ग्रामीणों के बीच वार्ता भी चली, लेकिन वह भी बेनतीजा ही साबित रही। गुरुवार को धरने में ब्लॉक किसान कांग्रेस अध्यक्ष लालाराम बलेसरा, उपप्रधान कैलाश शर्मा, कजोड़मल ढबास, मोहनलाल, राजकुमार शर्मा, गिरीराज देवंदा, बाबूलाल सेपट, शंकरलाल चतुर्वेदी, जगदीश शर्मा, भागीरथ मीणा, भागीरथ सेरावत, सोहनलाल शर्मा, प्रभुदयाल पंचौली आदि मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि चौमूं-चंदवाजी स्टेट हाईवे पर कुशलपुरा में बने टोल के खिलाफ पिछले छह दिन से लोग धरने पर बैठे है। मांगों को लेकर दो दिन पहले एसडीएम कार्यालय में टोल प्रशासन और ग्रामीणों के बीच वार्ता भी चली, लेकिन वह भी बेनतीजा ही साबित रही। गुरुवार को धरने में ब्लॉक किसान कांग्रेस अध्यक्ष लालाराम बलेसरा, उपप्रधान कैलाश शर्मा, कजोड़मल ढबास, मोहनलाल, राजकुमार शर्मा, गिरीराज देवंदा, बाबूलाल सेपट, शंकरलाल चतुर्वेदी, जगदीश शर्मा, भागीरथ मीणा, भागीरथ सेरावत, सोहनलाल शर्मा, प्रभुदयाल पंचौली आदि मौजूद थे।
यह प्रमुख मांगें
– टोल को स्थानांतरण करने
– टोल के समीप 5 ग्राम पंचायतों को टोल मुक्त रखने
– टोल विस्तार के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण नहीं करने
– टोल के अधीन स्टेट हाईवे पर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हाें
– टोल को स्थानांतरण करने
– टोल के समीप 5 ग्राम पंचायतों को टोल मुक्त रखने
– टोल विस्तार के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण नहीं करने
– टोल के अधीन स्टेट हाईवे पर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हाें
फाेटाे- प्रतीकात्मक तस्वीर