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आरयूएचएस रजिस्ट्रार जवाब दें वरना रिकार्ड सहित हाजिर हों

locationजयपुरPublished: Oct 07, 2019 05:31:37 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंस (आरयूएचएस)(RUHS) को यूनिवर्सिटी के नर्सिंग कॉलेज (nursing college) में अब तक नियमानुसार और अनुभवी शिक्षक नहीं होने के मामले में जवाब (reply)पेश करने का आखिरी मौका(last chance) दिया है। कोर्ट ने 27 नवंबर तक जवाब पेश करने अन्यथा यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार को रिकार्ड सहित हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।

आरयूएचएस रजिस्ट्रार जवाब दें वरना रिकार्ड सहित हाजिर हों

आरयूएचएस रजिस्ट्रार जवाब दें वरना रिकार्ड सहित हाजिर हों


जयपुर
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश एन.एस. ढड़्ढ़ा ने यह अंतरिम आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोश्यिल सर्विस की जनहित याचिका पर दिए। एडवोकेट आशीष शर्मा ने बताया कि आरयूएचएस के तहत वर्ष 2018 से नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहा है। नियमों के अनुसार छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की सीधी भर्ती के जरिए नियुक्ति होनी चाहिए। लेकिन कॉलेज में आज तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई है और सरकार ने नर्सिंगकर्मियों को डेपुटेशन पर शिक्षक लगा रखा है।
आईएनसी के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के प्रिसिंपल को 15 साल का छात्रों को पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए। जबकि वर्तमान प्रिंसिपल ने 2010 में पीजी किया है। आईएनसी के ही नियमों के अनुसार 100 नर्सिंग छात्रों पर कम से कम 16 शिक्षक होने चाहिएं लेकिन कॉलेज में मात्र चार शिक्षक हैं और वो भी डेपुटेशन पर हैं। इसके बावजूद आईएनएसी और सरकार ने कॉलेज को एनओसी दे दी।
कॉलेज के निरीक्षण के समय अन्य अस्पतालों से नर्सिंगकर्मी डेपुटेशन पर बतौर शिक्षक लगा दिए जाते हैं और बाद में हटा दिए जाते हैं। नर्सिंग केयर मानव जीवन से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी हुई है और प्रत्येक नागरिक को बीमार होने पर बेहतर नर्सिंग केयर प्राप्त करने का अधिकार है। इसलिए नर्सिंग केयर जीवन जीने के संवैधानिक अधिकार में शामिल है…लेकिन सरकार स्वयं ही नियमों की अवहेलना कर रही है। मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

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