कई संगठनों के युवा यहां एकत्र हुए और फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली और फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रविंद्र सिंह चिंढालिया ने बताया कि आईनोक्स सिनेमाघर मैनेजर को फिल्म को ट्रेलर नहीं दिखाने के लिए ज्ञापन दिया।
इसके बाद बड़ी संख्या में युवाओं ने आईनोक्स से आम्रपाली सर्किल तक दीपिका और भंसाली की शव यात्रा निकाली और उनका पुतला दहन किया। इस अवसर पर विरोध कर रहे लोगों ने मांग करते हुए कहा कि फिल्म पर बैन लगाने का आह्वान किया, अगर रिलीज होती है तो सिनेमाघरों में तोडफ़ोड़ होगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस दौरान युवाओं में गहरा आक्रोश देखने को मिला।
इधर खातीपुरा में भी करणी सेना के नेतृत्व में संजय लीला भंसाली का पुतला दहन किया गया। नारायण सिंह दिवराला ने बताया कि मूवी के खिलाफ लोगों में जमकर आक्रोश हैं। सरकार को इसे बैन करने में तुरंत कदम उठाने चाहिए। इस मौके पर बड़ी संख्या मेंं युवाओं ने भंसाली का पुलता दहन किया और स्मृति ईरानी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
यहां भी किया विरोध
कोटा
करणी सेना के नेतृत्व राजपूत क्षत्राणियों की एक बैठक हुई, जिसमें फिल्म रिलीज का विरोध किया गया। जिलाध्यक्ष रश्मि राठौड़ के नेतृत्व में महिलाओं ने तलवारें लहरा कर फिल्म का विरोध किया।
कोटा
करणी सेना के नेतृत्व राजपूत क्षत्राणियों की एक बैठक हुई, जिसमें फिल्म रिलीज का विरोध किया गया। जिलाध्यक्ष रश्मि राठौड़ के नेतृत्व में महिलाओं ने तलवारें लहरा कर फिल्म का विरोध किया।
बारां
सर्व समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से प्रताप चौक पर प्रदर्शन कर भंसाली का पुतला फूंका गया। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। मंगलवार को फिल्म के विरोध में शहर में रैली निकाली जाएगी।
सर्व समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से प्रताप चौक पर प्रदर्शन कर भंसाली का पुतला फूंका गया। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। मंगलवार को फिल्म के विरोध में शहर में रैली निकाली जाएगी।
झालावाड़
जिले में सभी समाजों के लोग गढ़ परिसर में एकत्र हुए और यहां से रैली निकाली। मिनी सचिवालय में एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर फिल्म को रोकने की मांग की गई। गढ़ परिसर में हुई सभा में इस फिल्म को सांस्कृतिक जिहाद बताया।
जिले में सभी समाजों के लोग गढ़ परिसर में एकत्र हुए और यहां से रैली निकाली। मिनी सचिवालय में एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर फिल्म को रोकने की मांग की गई। गढ़ परिसर में हुई सभा में इस फिल्म को सांस्कृतिक जिहाद बताया।