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Film Padmavati Controversy: फिर सामने आया राजस्थान सरकार का रुख, जानें कटारिया के बाद अब क्या बोले राजेंद्र राठौड़

locationजयपुरPublished: Nov 10, 2017 09:53:26 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

Film Padmavati Release in Rajasthan गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया के बाद अब संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी स्थिति स्पष्ट की है।

Film Padmavati Release in Rajasthan
जयपुर।
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म पद्मावती के राजस्थान सहित अन्य राज्यों में रिलीज़ को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच राज्य सरकार के मंत्रियों की तरफ से इस पूरे बवाल में भूमिका को लेकर प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया के बाद अब संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी स्थिति स्पष्ट की है।
राठौड़ ने फिल्म पद्मावती में एतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा है कि सामाजिक संंगठनों के साथ हुई सहमति पर फिल्म निर्माताओं को कायम रहना चाहिए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि देश के गौरव और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
एक सवाल के जवाब में राठौड़ बोले कि फिल्म पद्मावती पर गुजरात में रोक को केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा उचित बताया जाना उनका व्यक्तिगत मत है। हालांकि उन्होंने पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन को रोकने वालों पर कार्यवाही के बारे में पूछे प्रश्न पर कोई टिप्पणी नहीं की।
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इससे पहले कटारिया ये बोले थे
गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कुछ ही दिन पहले उदयपुर में मीडिया से बातचीत में सरकार की भूमिका को लेकर स्थिति स्पष्ट की थी। उन्होंने साफ किया था कि जो भी कानून व्यवस्था के खिलाफ जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई करना उनका अधिकार है।
हालांकि कटारिया ने ये भी कहा कि फिल्म पद्मावती में अगर कुछ गलत दिखाया गया है तो उसमें सुधार किया जाना चाहिए। कटारिया ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ यह समझ लें कि रानी पद्मावती के वो ही लोग हितेषी हैं तो यह गलत है। रानी पद्मिनी सिर्फ किसी जाति विशेष की नहीं होकर पूरे देश का प्रतीक है।
कटारिया ने कहा कि अपने सतीत्व की रक्षा करने के लिए 16 हज़ार रानियों का यू अग्नि स्नान करना पूरे विश्व में एकमात्र उदाहरण है। ऐसे में इस फिल्म में रानी पद्मावती की पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए और अगर फिल्म में कोई ऐसा अंश है तो उसमें भी सुधार कर लेना चाहिए।
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करणी सेना द्वारा राजस्थान के सिनेमाघरों में फिल्म प्रदर्शित नहीं करने देने के सवाल पर कटारिया ने कहा कि वह लोग उनका काम करेंगे और हम हमारा काम करेंगे।
‘हम किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं देते हैं। लेकिन फिर भी कोई ऐसा काम करेगा तो हमारी ओर से जो भी कार्रवाई होगी वह हम करेंगे। अगर फिल्म में कोई अपमानजनक तथ्य है तो उसे सुधारने की आवश्यकता है।’
अन्य संगठन भी होने लगे लामबंद
फिल्म का विरोध जताने को लेकर राजपूत समाज से जुड़े संगठनों ने तो मोर्चा खोल ही रखा है, अब ब्राह्मण समाज भी उनके समर्थन में उतर आया है। ब्राह्मणों के प्रमुख संगठन सर्व ब्राह्मण महासभा ने सरकार से जनभावनाओं को देखते हुए फिल्म के प्रदर्शन में रोक लगाने की पुरज़ोर मांग की है।
सर्व ब्राह्यण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा है कि संजय लीला भंसाली द्वारा फिल्म पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों से जो छेडछाड किये जाने के संकेत मिल रहे हैं वो सही नहीं है। इस तरह की हरकत को किसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महारानी पद्मावती भारत की आन-ंबान-ंशान रहीं हैं जिन्होंने 16 हज़ार महिलाओं के साथ जौहर करके एक बलिदानी का विशेष उदाहरण प्रस्तुत किया। ऐसी महारानी के त्याग को दरकिनार कर फिल्म निर्माता संजय भंसाली उनकी छवी को धुमिल कर रहे हैं, जो कि सरासर गलत है। भंसाली को यह समझ लेना चाहिए कि इस देश में विरासत से छेडछाड बर्दाश्त नहीं होगी। जनभावनाओं के अनुरूप इस फिल्म को रोका जाए अन्यथा सर्व ब्राह्यण महासभा भी इस फिल्म का विरोध करेगी।
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