‘बदला’ राइटर-डायरेक्टर ओरिओल पाउलो की स्पैनिश मूवी ‘द इनविजिबल गेस्ट’ का ऑफिशियल हिन्दी रीमेक है। ‘कहानी’ जैसी लाजवाब सस्पेंस थ्रिलर बना चुके सुजॉय घोष ने निर्देशन की कमान बखूबी संभाली है। यही नहीं, सुजॉय ने दिलचस्प और कसा हुआ स्क्रीनप्ले लिखा है, जो शुरू से अंत तक उत्सुकता बनाए रखता है। संवाद असरदार हैं। मिलेनियम सुपरस्टार अमिताभ ने एक बार फिर आला दर्जे का अभिनय किया है। वे बतौर वकील जिस तरह से अपने क्लाइंट को कुरेदते हैं और घटनाक्रम पर अपना नजरिया स्पष्ट करते हैं, वो काबिल-ए-तारीफ है। ‘पिंक’, ‘नाम शबाना’, ‘मुल्क’ सरीखी फिल्मों से तापसी साबित कर चुकी हैं कि वह एक्टिंग में लंबी पारी खेलने के इरादे से आई हैं। ‘बदला’ में भी उन्होंने सधी हुई व नैचुरल परफॉर्मेंस दी है। अमृता सिंह ने बदला लेने के लिए पुरजोर कोशिश करती एक मदर की भूमिका अच्छे से निभाई है। मलयालम फिल्मों के अभिनेता टोनी ल्यूक की यह हिन्दी में डेब्यू मूवी है और उन्होंने अपनी अदाकारी से प्रभावित किया है। स्पेशल अपीयरेंस में मानव कौल ठीक हैं। बैकग्राउंड स्कोर रोमांच का सिलसिला बनाए रखता है। लोकेशंस नयनाभिराम हैं। सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है, वहीं एडिंटिंग टाइट है।
क्यों देखें : यह वेल क्राफ्टेड स्मार्ट क्रैक्लिंग मिस्ट्री है, जिसमें कई ट्विस्ट आते रहते हैं, खासकर दूसरे हाफ में रोमांच जबरदस्त है। क्लाइमैक्स शानदार है। ऐसे में क्राइम थ्रिलर फिल्मों के शौकीनों के लिए ‘बदला’ देखना एक मजेदार अनुभव रहेगा।