जयपुर

‘धड़क’ में मिसिंग है ‘सैराट’ की धड़कन

दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर ने फिल्म ‘धड़क’ से किया बॉलीवुड में डेब्यू

जयपुरJul 21, 2018 / 12:23 am

Aryan Sharma

‘धड़क’ में मिसिंग है ‘सैराट’ की धड़कन

राइटिंग-डायरेक्शन : शशांक खेतान
म्यूजिक : अजय-अतुल
सिनेमैटोग्राफी : विष्णु राव
एडिटिंग : मोनिशा आर. बल्दवा
रनिंग टाइम : 137.54 मिनट
स्टार कास्ट : ईशान खट्टर, जाह्नवी कपूर, आशुतोष राणा, अंकित बिष्ट, श्रीधर वत्सर, खराज मुखर्जी, शालिनी कपूर, ऐश्वर्या नारकर, आदित्य कुमार
जयपुर. ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ और ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ फेम निर्देशक शशांक खेतान की फिल्म ‘धड़क’ के साथ श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर की बॉलीवुड में एंट्री हो गई है। यह नागराज मंजुले की मराठी फिल्म ‘सैराट’ का ऑफिशियल हिन्दी रीमेक है। हालांकि रीमेक करते समय निर्देशक ने स्क्रीनप्ले को बॉलीवुड स्टाइल में ढालने की कोशिश की है। फिल्म में युवा प्रेमियों का रोमांस है तो प्यार में बाधक ऊंच-नीच और समाज की बंदिश भी है। साथ ही इस ट्रेजिक रोमांस फिल्म में ऑनर किलिंग का घिनौना चेहरा भी है। कहानी में उदयपुर में लेक साइड रेस्तरां चलाने वाले का बेटा मधुकर बागला (ईशान खट्टर) कॉलेज में फर्स्ट ईयर में पढ़ रहा है। उसे अपनी क्लासमेट पार्थवी (जाह्नवी कपूर) से प्यार हो जाता है, जो कि उदयपुर के बड़े घराने से ताल्लुक रखती है और उसके पिता रतन सिंह (आशुतोष राणा) विधायक का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। ऐसे में दोनों की प्रेम कहानी आसान नहीं है। यहीं से शुरू होती है मधुकर-पार्थवी के प्यार की धड़क की असली परीक्षा…।
एक्टिंग-डायरेक्शन : जाह्नवी की परफॉर्मेंस ठीक है, लेकिन कुछ दृश्यों में वह असहज दिखी हैं। फिल्म ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ में एक्टिंग स्किल्स दिखा चुके ईशान ने ‘धड़क’ में भी आत्मविश्वास के साथ अपनी भूमिका निभाई है। हालांकि जाह्नवी और ईशान, दोनों की ही राजस्थानी लहजे में संवाद अदायगी इम्प्रेसिव नहीं है। नेगेटिव रोल में आशुतोष राणा सहज लगे हैं। मधुकर के दोस्त पुरुषोत्तम के किरदार में श्रीधर वत्सर अपनी परफॉर्मेंस से जमकर गुदगुदाते हैं, वहीं एक अन्य दोस्त गोकुल की भूमिका में अंकित बिष्ट भी फिट हैं। अन्य सपोर्टिंग कास्ट का काम ठीक है। डायरेक्शन ओके है। स्क्रीनप्ले क्रिस्प नहीं है। फिल्म की स्पीड स्लो है। डायलॉग्स सिम्पल और फनी हैं। फिल्म के क्लाइमैक्स में एक चुप्पी है, जो कि ‘सैराट’ से जुदा है। गीत-संगीत ठीक है। पैपी नंबर ‘जिंगाट’ शानदार है। उदयपुर और कोलकाता की लोकेशंस को खूबसूरती से पिक्चराइज किया है। संपादन चुस्त नहीं है।
क्यों देखें : ‘सैराट’ की तुलना में ‘धड़क’ में उस धड़कन की कमी है, जिससे दर्शकों के इमोशंस जुड़ते हैं। बहरहाल, दो युवा दिलों की नोक-झोंक भरी ट्रेजिक लव स्टोरी और जाह्नवी-ईशान की कैमिस्ट्री के लिए देख सकते हैं ‘धड़क’।
रेटिंग: 2.5 स्टार

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