आर्यन शर्मा/जयपुर. करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस को ऐसी मसाला फिल्मों के लिए जाना जाता है, जो यूथ को टारगेट कर बनाई जाती हैं। करण का हिट प्रोजेक्ट ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर'(2012) भी ऐसी ही फिल्म थी। अब इसके सीक्वल ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ को पुनीत मल्होत्रा ने निर्देशित किया है। फिल्म में टाइगर श्रॉफ के साथ डेब्यू एक्ट्रेस तारा सुतारिया और अनन्या पांडे मुख्य भूमिका में हैं। इसमें करण जौहर के प्रोडक्शन का चिर-परिचित डांस, ड्रामा, म्यूजिक, रोमांस और स्टाइलिश सिनेमा है, लेकिन पूरी तरह फॉर्मूलाबद्ध इस मूवी की स्टोरीलाइन एकदम घिसी-पिटी है। कहानी में साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाला और पिशोरीलाल चमनदास कॉलेज का स्टूडेंट रोहन (टाइगर श्रॉफ) खेल कोटा से सेंट टेरेसा कॉलेज में एडमिशन लेता है, क्योंकि उसकी गर्लफ्रेंड मृदुला ‘मिया’ (तारा सुतारिया) पहले से वहां की स्टूडेंट है। कॉलेज का हीरो मानव रंधावा (आदित्य सील) दो साल से स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब जीत रहा है और हैट्रिक की तैयारी में है। चूंकि रोहन गेम्स और डांस में बेहतरीन है तो मानव को रोहन अपना दमदार राइवल लगता है। इधर, मानव की बहन श्रेया (अनन्या पांडे) के जिद्दी व शरारती रवैये से सब परेशान हैं। रोहन और श्रेया में भी छत्तीस का आंकड़ा है। इसके बाद कहानी ड्रीम, लव, कॉम्पीटिशन, चीट जैसे फ्लेवर के साथ आगे बढ़ती है।
राइटिंग पर वर्क ही नहीं किया
फिल्म के प्लॉट और स्टोरी में फ्रेशनेस की कमी है। स्क्रिप्ट में खामियां हैं, स्क्रीनप्ले भी क्रिस्प नहीं है। कुछ पंचलाइनर्स अच्छे हैं। पुनीत का डायरेक्शन टाइट नहीं है। फिल्म में डिजाइनर कॉस्ट्यूम्स, डांस, एक्शन, स्पोर्ट्स, रोमांस, बॉडी व मसल्स शोऑफ तो है लेकिन एग्जीक्यूशन में चूक हो गई। पूरी फिल्म टाइगर के कंधों पर टिकी हुई है। वह अपनी इमेज के अनुसार डांस व एक्शन करते नजर आए हैं। अभिनेता चंकी पांडे की बेटी अनन्या की यह पहली फिल्म है और वह अपने ग्लैमरस अंदाज से दिल जीतने में सफल रही हैं। उनकी स्क्रीन प्रजेंस आकर्षक है। तारा की परफॉर्मेंस ठीक-ठाक कही जा सकती है। एंटी हीरो के रोल में आदित्य सील लुभाते हैं। अन्य सपोर्टिंग कास्ट का काम ओके है। म्यूजिक एवरेज है। गाने उतने पॉपुलर नहीं हैं, जितने ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ के थे। ओल्ड स्टूडेंट यानी आलिया भट्ट के साथ टाइगर का डांस नंबर ‘हुक अप’ अच्छा बन पड़ा है, वहीं ‘ये जवानी’ में इंटरनेशनल स्टार विल स्मिथ सरप्राइज पैकेज हैं। प्रोडक्शन के नजरिये से फिल्म रिच है। सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है, मगर एडिटिंग में शार्पनेस नहीं है।
क्यों देखें : डांस, ग्लैमर और एक्शन का तड़का होने के बावजूद फिल्म का कंटेंट कमजोर है। यदि आप जरा भी दिमाग न लगाने वाली हल्की-फुल्की और बबलगम रोमांस टाइप फिल्में पसंद करते हैं तो ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ के लिए अपनी रिस्क पर सिनेमाघरों का रुख कर सकते हैं।
रेटिंग : 2 स्टार