देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीते 17 नवंबर को देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि विकास की दर पिछले 15 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है, बेरोजगारी दर 45 सालों के उच्चतम स्तर पर है, घरेलू मांग चार दशक के निचले स्तर पर है, बैंक पर बैड लोन का बोझ सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुका है, इलेक्ट्रिसिटी की मांग 15 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है, कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था की हालत बेहद गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बात मैं विपक्ष के नेता के रूप में नहीं कह रहा हूं।
कांग्रेस ने कहा कि अब मोदी सरकार को नींद से उठने, वास्तविक आंकड़ों पर गौर करने तथा समस्याओं को दूर करने का सही वक्त आ गया है। ग्रामीण भारत को मोदी सरकार ने रसातल में पहुंचा दिया है। यूपीए सरकार में लोगों को एमएसपी सपोर्ट का फायदा हुआ था, लेकिन मोदी सरकार में उनकी हालत बदतर हो गई है।
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चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर घटकर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। दूसरी तिमाही के लिए कई रेटिंग एजेंसियों और खुद सरकारी प्रतिष्ठानों ने विकास दर 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जो सरकार के लिए बड़ा झटका होगा। हाल के दिनों में ऑटोमोबाइल सहित मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के आंकड़ों में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है।
आर्थिक विकास दर में गिरावट के बाद भारत से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। पहली तिमाही में देश की वृद्धि दर चीन से भी नीचे रही है। अप्रेल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही, जो उसके 27 साल के इतिहास में सबसे कम रही है।