सबसे पहले वे जोधपुर में गए, वहां एक पंचायत में वर्षा जल संरक्षण का सराहनीय कार्य हो रहा है। यही नहीं बुनकर कला को लेकर भी उत्कृष्ट प्रयास किए जा रहे हैं। आयोग के समक्ष जो प्रस्तुतीकरण दिया गया, उसके लिए मुख्यमंत्री व उनके अधिकारी सराहना के पात्र हैं।
आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने कहा राज्य सरकार से बहुत ही सकारात्मक वातावरण में वार्ता हुई, पिछले आठ महीने में प्रदेश में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय काम हुआ है। आयोग को सुनकर यह काफी संतोष मिला है कि सौर ऊर्जा व नवीनीकरण ऊर्जा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्राथमिकता में हैं। वहीं आयोग ने प्रदेश में शिक्षा,पानी,पर्यटन और राजकोषीय घाटे सरकार के लिए चुनौती बताया है।
हालाकी आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने गहलोत सरकार के प्रयासों की सराहना भी की है, साथ ही कहा की सरकार की ओर से सौपे गए प्रस्तावों पर आयोग सकारात्मक तरीके से विचार करेगा। प्रदेश में पानी की कमी पर एनके सिंह ने बताया कि रिपोर्ट्स के मुताबिक अब राजस्थान में 13 पानी के ब्लॉक ही बचे है,सिंह ने कहा कि प्रदेश में वाटर हार्वेस्टिंग की पुरानी परंपरा है। ऐसे में बारिश के पानी को रिचार्ज करने की सख्त जरूरत है।
आयोग चेयरमैन ने मीडिया को बताया कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में बडी संभावनाएं है लेकिन ये विडम्बना है की यहां एयर कनेक्टीविटी नही है, यही कारण के है की यहां पर्यटन एक प्रतिशत भी उपयोग नही हो पा रहा।
वही एक सवाल के जवाब में उन्होने ये भी कहा कि बीते कुछ सालों में प्रदेश की जीडीबी में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि आयोग प्रदेश के साथ कोई अन्याय नही करेगा। प्रदेश को विशेष पैकेज के सवाल पर एनके सिंह ने स्पष्ठ तो कुछ नही कहा,लेकिन ये जरूर कहा कि आयोग देश के 26 राज्यों की विजिट कर चुका है,हर राज्य की अलग अलग मांगे सामने आई है।