electricity crisis: जल्द सुधरेगा बिजली कंपनियों का वित्तीय सुदृढ़ीकरण
राज्य के तीनों डिस्कॉम्स सहित ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी राज्य सरकार की सभी कंपनियों में वित्तीय सुदृढ़ीकरण के लिए संभावित उपायों पर मंथन किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ ही तीनों डिस्काम्स के एमडी या तकनीकी प्रतिनिधियों व वित्त अधिकारियों का भी समावेश किया गया है।
अतिरिक्तमुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि देश के करीब-करीब सभी राज्यों के डिस्काम्स वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तरीय समिति गठित कर समिति को सभी संभावित उपायों पर विचार कर तात्कालीक और दीर्घकालीक उपाय सुझाने को कहा गया है। समिति में तकनीकी विशेषज्ञों, प्रशासनिक विशेषज्ञों और वित्त प्रबंधकों को जोडऩे का मुख्य उद्देश्य समग्र चिंतन व मंथन के आधार पर ठोस और कारगर सुझाव प्राप्त करना है।
घाटे को कम करने के लिए बैंकों व वित्तदायी संस्थाओं से महंगे ब्याज दर पर लिए गए कर्जों को रिस्ट्रक्चरिंग करने सहित अन्य उपाय करने के निर्देश दे दिए गए है। इस तरह के प्रयास तेलंगाना आदि में किए जाने की जानकारी सामने आई है। इसके साथ ही डिस्काम्स सहित संस्थाओं को अपने बकाया वसूली के लिए अभियान चलाकर प्रयास करने को कहा गया है तो छीजत रोकने व अनावश्यक खर्चों पर कारगर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने पंजाब, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों के डिस्काम्स का भी अध्ययन करने को कहा है।
चेयरमैन डिस्काम्स भास्कर ए सांवत ने बताया कि देश में कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक विद्युत कनेक्शन राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के सुधार कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं और छीजत को एक सीमा तक कम भी किया गया है पर अभी और प्रयास किए जाने है। सांवत ने कहा कि संस्थाओं को कैपिटल एक्सपेंडिचर कम करने, समय पर फ्यूल सरचार्ज की राशि जारी कराने, फीडर सुधार कार्यों पर जोर देने सहित विभिन्न दिशाओं में काम करने की आवश्यकता जताई।