शिक्षा राज्य मंत्री ने देशभर में कक्षा 5 और 8 में परीक्षा अनिवार्य करने और छात्रों को फेल न करने की व्यवस्था खत्म करने से संबंधित लोकसभा में पारित बिल को ऎतिहासिक बताते हुए कहा है कि परीक्षा अनिवार्य करने और फेल न करने की व्यवस्था खत्म करने का कानून बनने से प्रारंभिक शिक्षा में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में इस कानून का सकारात्मक असर आएगा।
राजस्थान पहला राज्य
देवनानी ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा में निरंतर नवाचार अपनाते हुए विकास के कदम उठाए गए हैं। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान में कक्षा 5 की डाईट द्वारा तथा 8 की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाने की पहले से ही शुरूआत कर दी गयी थी। उन्होंने बताया कि इसी शिक्षा सत्र से प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा । उल्लेखनीय है कि केन्द्र सराकर द्वारा देवनानी की पहल पर उनकी अध्यक्षता में बनी कमेटी ने 8 वीं में फेल नहीं करने की व्यवस्था खत्म करने के संबंध में सभी राज्यों से सुझाव मांगे थे।
देवनानी ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा में निरंतर नवाचार अपनाते हुए विकास के कदम उठाए गए हैं। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान में कक्षा 5 की डाईट द्वारा तथा 8 की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाने की पहले से ही शुरूआत कर दी गयी थी। उन्होंने बताया कि इसी शिक्षा सत्र से प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा । उल्लेखनीय है कि केन्द्र सराकर द्वारा देवनानी की पहल पर उनकी अध्यक्षता में बनी कमेटी ने 8 वीं में फेल नहीं करने की व्यवस्था खत्म करने के संबंध में सभी राज्यों से सुझाव मांगे थे।
केन्द्रीय स्तर पर सहमति बनी
शिक्षा राज्य मंत्री ने कक्षा 5 और 8 में फेल नहीं करने की नीति को बदले जाने के साथ ही प्रत्येक कक्षा में स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों का सतत् मूल्यांकन किए जाने पर भी जोर दिया था। इस पर भी केन्द्रीय स्तर पर सहमति बनी और और अब यह व्यवस्था देशभर में लागू की जा रही है। इसी के अंतर्गत प्रत्येक कक्षा के लिए विद्यार्थी की पात्रता का एक निश्चित लर्निंग लेवल तय करने, लर्निंग लेवल को सभी विद्यार्थियाें को प्राप्त करना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किए जाने आदि बातें कही गयी थी।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कक्षा 5 और 8 में फेल नहीं करने की नीति को बदले जाने के साथ ही प्रत्येक कक्षा में स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों का सतत् मूल्यांकन किए जाने पर भी जोर दिया था। इस पर भी केन्द्रीय स्तर पर सहमति बनी और और अब यह व्यवस्था देशभर में लागू की जा रही है। इसी के अंतर्गत प्रत्येक कक्षा के लिए विद्यार्थी की पात्रता का एक निश्चित लर्निंग लेवल तय करने, लर्निंग लेवल को सभी विद्यार्थियाें को प्राप्त करना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किए जाने आदि बातें कही गयी थी।