जयपुर

यूडीएच मंत्री नहीं सुलझा पाए विवाद, नगर निगम ने जेडीए से कहा— दो हमारे 32 करोड़ रुपए

फायर फाइटिंग बेडे को मजबूत करने के लिए नगर निगम ने जेडीए से 32 करोड़ रुपए मांगे हैं। यह राशि फायर सेस के बदले जमा की गई, जिस पर निगम हक जताता रहा है।

जयपुरJan 09, 2018 / 11:24 pm

Bhavnesh Gupta

फायर सेस मामले में नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी हस्तक्षेप कर चुके हैं। नगर निगम ने इसके लिए जेडीए को पत्र लिखा है। हालांकि, आर्थिक तंगी से जूझ रहे जेडीए की तिजोरी में अभी करीब 30 करोड़ रुपए ही है। इस कारण जेडीए ने फिलहाल मौखिक तौर पर राशि देने से मना कर दिया है। निगम की ओर से पहले भी दो बार पत्र लिखकर जेडीए से ये राशि मांगी थी, लेकिन जेडीए ने अब तक राशि नहीं दी। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार की ओर से कमेटी भी गठित की गई, जिसमें जेडीए सचिव, जेडीए के निदेशक वित्त और नगर निगम के चीफ फायर ऑफिसर को शामिल किया गया। कमेटी की एक-दो बैठक भी हुई, लेकिन समाधान नहीं हो सका।
संसाधन चाहिए, इसलिए दो राशि..
नगर निगम ने पत्र में तर्क दिया है कि शहर में इन दिनों बड़ी संख्या में बहुमंजिला इमारतें बन गई है। शहर में आगजनि की घटनाएं भी होती रहती है। ऐसे में नगर निगम के पास अग्निशमन के संसाधन पर्याप्त नहीं है, उनकी खरीद के लिए ये रकम निगम ने मांगी। हालांकि, जेडीए की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
नोटिस से होटल—रेस्टारेंट संचालकों में हड़कम्प..
होटल, रेस्टारेंट, मॉल्स, बहुमंजिला इमारतों में फायर फाइटिंग सिस्टम पालना की धज्जियां उड़ाने पर नगर निगम की सख्ती ने जिम्मेदारों के होश उड़ा दिए हैं। इसी से परेशान ऑल राजस्थान होटल तथा रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन, ऑल राजस्थान बजट होटल एसोसिएशन तथा ऑल राजस्थान हेरिटेज होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि नगर निगम आयुक्त रवि जैन से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने फायर एनओसी मामले में बात की। आयुक्त से एनओसी लेने तक कार्रवाई नहीं करने की मांग की। गौरतलब है कि पिछले दिनों मुंबई के एक रेस्टोरेंट में हुई आगजनी की घटना के बाद निगम ने भी शहर के रेस्टोरेंट, होटल, गेस्ट हाउस, मॉल्स, बहुमंजिला इमारतों मं नोटिस जारी किए थे। इससे हड़कंप मच गया। नोटिसों में तीन-चार दिन में अग्निशमन उपकरण लगवाकर एनओसी लेने के लिए कहा था। ऐसा नहीं करने पर सीलिंग तक की का्र्रवाई करने के लिए चेताया गया।
बायलॉज में उल्लेख नहीं..
आयुक्त ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को कहा कि अभी निगम के बायलॉज में छोटे होटलों को एनओसी देने का प्रावधान नहीं है। फिर भी निगम प्रशासन नेशनल बिल्डिंग कोर्ड के नियम के तहत एनओसी जारी करेगा। होटल संचालकों की सुविधा के लिए कैंप भी आयोजित करवाया जाएगा।
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