रोज गार्डन में भीषण आगजनी का कारण ढूंढने नगर निगम की टीम बुधवार को मौके पर पहुंची। रोज गार्डन और ईपी ईस्ट व अन्य विवाह स्थल का निरीक्षण किया।
नगर निगम कमेटी ने पाया कि सभी विवाह स्थलों में आगजनी के पूरे इंतजाम हैं, लेकिन इस पर काबू पाने के लिए संसाधन 25 फीसदी भी नहीं है। किसी समारोह के दौरान आग लग जाए तो सभी लोगों को बचा पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। रोज गार्डन साहित सभी विवाह स्थल में सम्पूर्ण स्ट्रक्चर फाइबर, लकड़ी व अन्य ऐसे सामान से बना है, जो तत्काल ज्वलनशील है। यहां तक कई जगह फर्श पर लगी टाइलों के नीचे तक में फाइबर व कारपेट के टुकड़े मिले। टीम के सदस्य आश्चर्य रह गए कि ऐसे हालात में विवाह स्थल संचालन की अनुमति कैसे दी जा सकती है। कमेटी ने भूखंड मालिक व विवाह स्थल संचालक से निर्माण व संचालन स्वीकृति के दस्तावेज मांगे है, जिसके आधार आगे की कार्रवाई होगी।
जहां देखा, वहीं हादसे के पूरे इंतजाम…
—विवाह स्थल संचालनकर्ताओं ने फायर एनओसी ही नहीं ली। यही मुख्य कारण रहा कि निगम की जांच सूची में इसका नाम था ही नहीं। समय—समय पर मॉनिटरिंग होती तो आवश्यक अग्निशमन संसाधन जुटाने का
काम होता।
—अग्निशमन
यंत्र में कुछ गैस सिलेंडर रखे हुए थे। इसके अलावा कुछ भी इंतजाम नहीं। इनमें से भी कुछ में तो गैस थी ही नहीं। कईयों के क्लिप तक नहीं खोली जा सकी।
—स्ट्रक्चर निर्माण में फाइबर, लकड़ी व कपड़े का उपयोग किया गया। लेकिन इसके अनुपात में अग्निमशन यंत्र ही नहीं।
—बिजली से चलने वाले कटर का उपयोग किया जाता रहा। जबकि, ऐसी जगह यह वर्जित है।
—सभी जगह बिजली के तार खुले में पड़े हुए। कई जगह तो पानी में डूबे रहे। इससे कभी भी हादसे की आशंका।
—रोज गार्डन में इमरजेंसी गेट नाकाफी थे, जबकि ईपी के विवाह स्थलों में इमरजेंसी गेट से टीम संतुष्ट नजर आई।
यह कमेटी पहुंची…
कमेटी में अतिरिक्त आयुक्त (मुख्यालय) हरसहाय मीणा, उपायुक्त (फायर) शिप्रा शर्मा, उपायुक्त (आयोजना) इन्द्रजीत सिंह, कार्यवाहक मुख्य अग्निशमन अधिकारी जलज घसिया थे। इसके अलावा सांगानेर जोन उपायुक्त रविन्द्र शर्मा, अधिशासी अभियंता मनोज कुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी साथ रहे।