ट्रांसपोर्टस का कहना है कि जब दस्तावेजों की वैधता की समयावधि बढ़ा दी गई है तो फिर जुर्माना क्यों लगाया जा रहा है? फिटनेस निजी केंद्रों पर हो रही है और परिवहन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
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31 अक्टूबर तक बढ़ाई है वैधता
़केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र आदि अनिवार्य दस्तावेजों वैधता को 31 अक्टूबर तक हाल ही में बढ़ाया था। जिन दस्तावेजों की वैधता 1 फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो चुकी है या 31 अक्टूबर 2021 तक समाप्त हो जाएगी, वे 31 अक्टूबर 2021 तक वैध माने जाएंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार दस्तावेजों की वैधता पिछले डेढ वर्ष से बढ़ाई जा रही है।
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इधर, ऐसे लिया जा रहा जुर्माना
केस 1 – जयदीप सिंह संधू ने 24 सितम्बर को शांति वीकल फिटनेस टेस्टिंग सेंटर पर अपने वाहन फिटनेस करवाई। फिटनेस के दो सौ रूपए लगे और पेनल्टी के 75 रूपए लिए गए। वहीं ग्रीन टैक्स से दो हजार रूपए लिए गए।
केस 2 – योगेश चंद शर्मा ने एक अक्टूबर को महावीर जैन फिटनेस सेंटर पर फिटनेस अपने ट्रक की फिटनेस करवाई। फिटनेस शुल्क दो सौ रूपए व सौ रूपए जुर्माना वसूल किया गया। वहीं ग्रीन टैक्स 2500 रूपए लिया गया।
केस 3 – लोकेश शर्मा ने वत्सल एंटरप्राइजेज पर
ट्रक की फिटनेस करवाई। यहां भी फिटनेस शुल्क दो सौ रूपए व 25 रूपए जुर्माना वसूला गया। वहीं ग्रीन टैक्स 2500 रूपए लिया गया।
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