आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (adarsh credit cooperative society ) के जाल में फंसे निवेशक ही नहीं भटक रहे हैं, अब ऐसे लोग भी भटक रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवनभर की पूंजी और बैंक से ऋण ले कमला नेहरू नगर के नजदीक बनी पार्क रेजीडेंसी में फ्लैट खरीदे हैं। ईडी ने इस पार्क रेजीडेंसी को आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की सम्पत्ति मानते हुए अटैच कर दिया। ईडी की इस कार्रवाई को देखते हुए रविवार को करीब 100-150 लोग पार्क रेजीडेंसी पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन में शामिल देवेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि रेजीडेंसी में 600 से अधिक फ्लैट हैं और इनमें 85 फीसदी फ्लैट लोगों ने खरीद लिए हैं। जिनमें हमारे करीब 500 करोड़ रुपए लगे हैं। जिस जमीन पर फ्लैट बने हैं, वह भूमि किसी और के नाम है, जबकि भूमि पर आदर्श बिल्ड स्टेट लिमिटेड ने निर्माण कराया। इस रेजीडेंसी में लोगों ने बैंक से ऋण लेकर और अपनी अन्य जमा पूंजी से फ्लैट खरीदे हैं। आदर्श क्रेडिट सोसायटी का घोटाला उजागर होने पर फ्लैट खरीदने वाले लोगों ने रेजीडेंसी के संबंध में जयपुर और दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर में इसकी जानकारी दी थी। इसके बावजूद ईडी ने लोगों द्वारा खरीदे जा चुके फ्लैटों को भी अटैच कर दिया।
पहले रजिस्ट्री पर रोक लगवाई
प्रदर्शन करने वालों का आरोप है कि चार माह पहले रजिस्ट्री दफ्तर में ईडी ने पत्र लिखकर फ्लैटों की रजिस्ट्री पर रोक लगवा दी। अब चार माह बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं होने का हवाला दे रेजीडेंसी को आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की सम्पत्ति मानते हुए अटैच कर दिया। लोगों की मांग है कि उनकी सम्पत्ति पर ईडी कार्रवाई नहीं करे।
प्रदर्शन करने वालों का आरोप है कि चार माह पहले रजिस्ट्री दफ्तर में ईडी ने पत्र लिखकर फ्लैटों की रजिस्ट्री पर रोक लगवा दी। अब चार माह बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं होने का हवाला दे रेजीडेंसी को आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की सम्पत्ति मानते हुए अटैच कर दिया। लोगों की मांग है कि उनकी सम्पत्ति पर ईडी कार्रवाई नहीं करे।