flexi mutual funds: फ्लैक्सी कैप फंड, एक साल में 63 फीसदी का रिटर्न
मुंबई। म्यूचुअल फंड की फ्लैक्सी कैप स्कीम ने निवेशकों को पिछले कुछ सालों में अच्छा फायदा दिया है। इसकी लोकप्रियता देखते हुए हाल में कुछ फंड हाउसों ने इस कैटेगरी में नई स्कीम भी लॉन्च किए हैं। पिछले एक साल में कुछ स्कीम ने 63 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न निवेशकों को दिया है।
आंकड़े बताते हैं कि 30 जून 2021 तक आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड की फ्लैक्सी कैप स्कीम ने 1 साल में 63.51 फीसदी का फायदा दिया है, जबकि कोटक फ्लैक्सी कैप ने 50.19 और एक्सिस के फ्लैक्सी कैप ने 48.51 फीसदी का फायदा दिया है। 3 सालों की अवधि में बिरला की स्कीम ने 14.57 फीसदी, एचडीएफसी के फ्लैक्सी कैप ने 14.43 फीसदी और कोटक की स्कीम ने 13.94 फीसदी का फायदा दिया है। 5 साल में बिरला के फ्लैक्सी कैप ने 15.67 फीसदी और कोटक के फ्लैक्सी कैप ने 14.75 फीसदी, जबकि एचडीएफसी के फ्लैक्सी कैप ने 14.01 फीसदी का रिटर्न दिया है।
फ्लैक्सी कैप कैटेगरी की बात करें तो इसने एक साल में 59.49 फीसदी, जबकि 3 साल में 13.31 और 5 साल में 14.49 फीसदी का रिटर्न दिया है। अगर किसी ने 22 साल पहले बिरला की फ्लैक्सी कैप स्कीम में एक लाख रुपए का निवेश किया होगा तो यह इस समय 1.04 करोड़ रुपए हो गया। यानी 104 गुना का फायदा मिला है। वहीं एक साल में 10 हजार रुपए का निवेश 16,351 रुपए हो गया और 5 साल में 20,718 रुपए हो गया है। 22 साल पहले 10 हजार का निवेश आज 10.48 लाख रुपए हो गया है। स्थापना के समय से अब तक इसने 22.57 फीसदी सीएजीआर की दर से रिटर्न दिया है।
इस फंड ने वर्तमान में कुल पोर्टफोलियो का 67 फीसदी लॉर्ज कैप में निवेश किया है, बाकी का निवेश मिड और स्माल कैप शेयरों में किया है। इसके पोर्टफोलियो में 18 सेक्टर्स और 66 स्टॉक्स हैं। इस फंड का सबसे ज्यादा निवेश बैंकिंग, फाइनेंशियल, सर्विसेस और इंश्योरेंस में है जो 31 फीसदी है। बिरला की यह स्कीम 1998 में लॉन्च की गई थी। देश के चौथे सबसे बड़े इस फंड हाउस की इस स्कीम में निवेशकों को इसके समकक्ष फंड हाउस और कैटेगरी की तुलना में बेहतर रिटर्न मिला है।
निवेश और मार्केट एक्सपर्ट कहते हैं कि फ्लैक्सी कैप डाइवर्सिफाइड मल्टी कैप फंड होता है। ऐसे फंड में किसी भी मार्केट कैप के कंपनी में निवेश की फ्लैक्सिबिलिटी रहती है। ज्यादातर यह लॉर्ज कैप शेयरों में 60.75 फीसदी निवेश करता है। यह फंड सेक्टर की मजबूत कंपनियों की पहचान करता है। उन कंपनियों में निवेश करता है, जो मार्केट में लीडर हैं, जो मजबूत मैनेजमेंट और अच्छे कॉर्पोरेट गवर्नेंस वाली हैं। जिन कंपनियों की बैलेंसशीट मजबूत है, जिनमें ज्यादा ग्रोथ की संभावना होती है और जिनका वैल्यूएशन सही होता है, उनको चुन के उनमें निवेश करते हैं।