scriptकफ्र्यू ग्रस्त क्षेत्रों में गेहूं के स्थान पर मिलेगा आटा | Flour will be replaced in place of wheat in curfew prone areas | Patrika News
जयपुर

कफ्र्यू ग्रस्त क्षेत्रों में गेहूं के स्थान पर मिलेगा आटा

कफ्र्यू ग्रस्त क्षेत्रों में गेहूं के स्थान पर मिलेगा आटा

जयपुरApr 17, 2020 / 08:11 pm

Jaya Gupta

प्रदेश में दिनभर खुलेंगी उचित मूल्य की दुकानें

प्रदेश में दिनभर खुलेंगी उचित मूल्य की दुकानें

जयपुर। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जिन क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा हुआ है, वहां खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा भी वितरित किया जाएगा। अगर कहीं आटा नहीं बंट पाता है और गेहूं ही दिया जाता है तो क्षेत्र में अतिरिक्त चल आटा चक्कियों (मोबाईल फ्लोर मिल्स) की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही कफ्र्यू ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों को पास जारी करते हुए बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दी जाएगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों की पालना किया जाना जरूरी होगा।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि कफ्र्यू ग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिए जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जाएगा। प्रदेश में मई माह से गेहूं के लिए यह व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि आटा मिलों की ओर से गेहूं की पिसाई कर प्रति किग्रा अधिकतम 100 ग्राम अर्थात 10 प्रतिशत छीजत काटते हुए दिये जाने वाले गेहूं की मात्रा के बदले आटा उपलब्ध करवाया जाएगा। आटा मीलों की ओर से 10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जाएगी। लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार देय गेहूं की मात्रा में से आनुपातिक छीजत कम करते हुए आटे का वितरण किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति आटे के स्थान पर गेहूं की मांग करता है तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जाएगा। आटे की मात्रा के आधार पर गेहूं की पिसाई, पैकिंग एवं समस्त परिवहन व्यय का वहन तरल कोष से किया जाएगा। वहीं, जहां कफ्र्यू नहीं है वहां की आटा मिलों एवं आटा चक्कियां खुली रहेंगी।
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