-परिसर में गंदगी ही गंदगी इधर, कुतुब वास स्थित वाटर वर्क्स परिसर में चारों ओर गंदगी का आलम है। जंगली घास-झाड़ियों से परिसर अटा हुआ है। दो जगहों से चार दिवारी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे बेसहारा गोवंश परिसर के अंदर आ जाते हैं, जो गंदगी को और बढ़ावा दे रहे हैं।
-कर्मचारियों का टोटा जलदाय विभाग में वर्षों से भर्ती बंद होने पर कर्मचारियों का टोटा बना हुआ है। चार कर्मियों की सेवा निवृत्त के बाद पद नहीं भरने से विभाग एक-दो अस्थाई कर्मचारियों के भरोसे पेयजल आपूर्ति आदि अन्य काम करवा रहा है। जिससे व्यवस्था चरमरा गई है। दोनों स्कीमों की पेयजल आपूर्ति पर ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा कि शुद्धता एवं स्वच्छता के सवाल पर जलदाय विभाग को कटघरे में खड़े करने के अलावा कोई चारा नहीं है।
पत्रिका ने जब यहां के स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि पानी की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। भूमिगत पेयजल स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है। जलदाय विभाग और जनप्रतिनिधियों की खामोशी अखरने वाली है। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना कि तीन चार बार माकपा, जनवादी महिला समिति के नेतृत्व में आंदोलन भी हुआ, लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारी और प्रशासन मौका पर पहुंचे तो सही लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला रहा।
इधर, माकपा राज्य कमेटी सदस्य और पूर्व सरपंच रामेश्वर वर्मा, जनवादी महिला समिति प्रदेशाध्यक्ष चन्द्र कला वर्मा ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से पेयजल की शुद्धता के लिए जलदाय विभाग और प्रशासन से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, अगर जल्द इस समस्या का कोई हल नहीं निकला गया तो प्रशासन की नींद ***** करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।