जल की मात्रा ही नहीं, गुणवत्ता पर भी करें फोकस
जयपुरPublished: Apr 22, 2021 09:15:52 pm
वाटर क्वॉन्टिटी और क्वॉलिटी मैनेजमेंट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस
जल की मात्रा ही नहीं, गुणवत्ता पर भी करें फोकस
जयपुर, 22 अप्रेल।
इमर्जिंग ट्रेंड्स इन वाटर क्वॉन्टिटी और क्वॉलिटी मैनेजमेंट विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन नेशनल कॉन्फ्रेंस की गुरुवार को शुरुआत हुई। यह कॉन्फ्रेंस पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की ओर से तथा एनआईएच रुडक़ी, आईएसटीई दिल्ली व आईएमएस जयपुर चैप्टर के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के डायरेक्टर डॉ. प्रकाश चौहान इसके उद्घाटन समारोह के चीफ गेस्ट थे। इस अवसर पर मेजबान पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ.सुरेश चंद्र पाधे, प्रो. प्रेसिडेंट डॉ. मनोज गुप्ता, प्रोवोस्ट डॉ.दिनेश गोयल और रजिस्ट्रार डॉ. चांदनी कृपलानी भी उपस्थित थे। डॉ. प्रीति कौशिक ने कॉन्फ्रेंस के विषय के बारे में जानकारी दी। डॉ.प्रकाश चौहान ने जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। डॉ. सुरेश चंद्र पाधे ने पर्यावरण के महत्व और लोगों की लापरवाही के कारण प्रकृति के असंतुलन के बारे में बात की। डॉ.मनोज गुप्ता ने पानी के संबंध में सरकार के दिशा निर्देशों का पालन नही करने पर सख्त सजा की आवश्यकता जताई। डॉ. दिनेश गोयल ने पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में रिसर्च के लिए स्थापित की गई अत्याधुनिक लेबोरेटरीज की जानकारी दी। अन्य विशेषज्ञों ने बताया कि विकसित एवं विकासशील देशों में जल की गुणवत्ता में गिरावट देखी जा रही है। अब पानी की पहुंच के बारे में चर्चा की जा रही है, लेकिन इसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उद्घाटन के बाद वाटर क्वॉलिटी एनालिसिस विषय पर प्रथम टेक्निकल सेशन आयोजित किया गया। इंडस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग के डायरेक्टर डॉ.अनुपम कुमार सिंह इसके मुख्य वक्ता थे, जबकि मणिपाल यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की हेड डॉ. मीना कुमारी शर्मा ने इस सेशन की अध्यक्षता की।