अपने खानपान में मसूर, मक्का, आलू, कटहल, मटर, उड़द, चने की दाल, मोठ जैसी भारी व गैस बढ़ाने वाली चीजें खाने से परहेज करें। इस मौसम में बासी और रूखा खाना भी न खाएं। अगर पत्तेदार सब्जियां बना रहे हैं तो उसके साथ दही का इस्तेमाल करें। रात के समय छाछ व दही का इस्तेमाल करने से बचें। जैम, मुरब्बा और अचार वगैरा से भी इन दिनों कुछ दूरी बना कर रखें। तला-भुना खाने की बजाय दाल व सब्जी के साथ सलाद और रोटी लें। डिनर में वेजीटेबल, चपाती और सब्जी लें। इस मौसम में गर्मागरम सूप फायदेमंद रहता है। इस मौसम में नॉन वेज से परहेज करना बेहतर रहता है।
बरसात के दिनों में पाचन संबंधी ताकत कमजोर हो जाती है और गैस व बदहजमी की शिकायत बढ़ जाती है। इससे बचने का एक आसान सा उपाय है। खाने से पहले 5 से 10 ग्राम अदरक का टुकड़ा सेंधा नमक के साथ चबा चबाकर खाएं। इससे हाजमे की ताकत बढ़ेगी, भूख खुलकर लगेगी। मगर फिर भी इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इस मौसम में बारबार खाना या जरूरत से ज्यादा खाना परेशानी का कारण बन सकता है।
बारिश के मौसम में पानी का भी खास ध्यान रखा जाना चाहिए। इस मौसम में उबला पानी पीएं क्योंकि पानी में रोगाणु मौजूद होते हैं। कम नमक वाला आहार लें और ज्यादा नमक वाले भोजन के सेवन से बचें क्योंकि ये ब्लड प्रेशर और सूजन बढ़ाने का कारण बन सकता है।
मैदे की चीजें, आइसक्रीम, मिठाई, केला, अंकुरित अनाज आदि कम खाएं। बारिश के मौसम में स्नैक्स व कोल्ड ड्रिंस्क का सेवन भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। बारिश के मौसम में सड़क के किनारे मिलने वाले खाने-पीने की चीजों से दूरी बनाए रखें।