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Jaipur news : प्रयागराज महाकुंभ में भंडारे के लिए गोविंददेवजी मंदिर से खाद्य सामग्री का वाहन रवाना

जयपुर से जाने वाले यात्रियों के लिए प्रयागराज में गंगा के दक्षिण तट पर निशुल्क भंडारा लगाया जाएगा, जिसकी व्यवस्था गोविंदधाम में की गई है।

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mahakumbh 2025

गोविंददेवजी मंदिर से खाद्य सामग्री का वाहन रवाना

जयपुर. इस बार प्रयागराज में विशाल धार्मिक व सांस्कृतिक समागम महाकुंभ मेला 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने जा रहा है। इसमें पांच शाही स्नान होंगे जिसमें मकर सक्रांति, मोनी अमावस्या बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा, महाशिवरात्रि शामिल है। ऐसी मान्यता है कि कुंभ मेले में गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि होती है। महाकुंभ में दुनियाभर से करीब 25 करोड़ लोग एक साथ एकत्रित होने का अनुमान है।

जयपुर से 2 लाख श्रद्धालु जाएंगे प्रयागराज

प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए गुलाबी नगरी से करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के जाने का अनुमान है। उनके भोजन व चाय- नाश्ते की व्यवस्था भी जयपुरवासियों की ओर से की जाएगी। जयपुर से जाने वाले यात्रियों के लिए प्रयागराज में गंगा के दक्षिण तट पर निशुल्क भंडारा लगाया जाएगा, जिसकी व्यवस्था गोविंदधाम में की गई है। जयपुर से प्रयागराज के लिए 6 जनवरी से भक्तों की रवानगी का सिलसिला शुरू होगा। इसी कड़ी में आज सुबह सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने पूजा-अर्चना के बाद गोविंददेवजी मंदिर से भंडारे के लिए खाद्य सामग्री की गाड़ी को रवाना किया। इसमें आटा, दाल, चावल, घी, चीनी- चाय और अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई है। ताकि वहां लगने वाले भंडारे में किसी तरह की परेशानी ना हो। धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय और महंत मनोहरदास त्यागी लोडिंग पिकअप लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुए।

भोजन की निशुल्क व्यवस्था

प्रयागराज में अक्षय वट सेक्टर-21 के मुक्ति मार्ग पर गोविंद धाम बनाया गया है जो गंगा के दक्षिण तट के किनारे पर है। यहां त्रिवेणीधाम के राम रिछपालदास भक्तों को आशीर्वाद देने पहुंचेंगे। जयपुर से जितने भी यात्री जाएंगे, उनके रहने और भोजन की व्यवस्था गोविंदधाम में निशुल्क रहेगी। वहां सुबह नाश्ते में पोहा, हलवा व खिचड़ी बांटी जाएगी। इसके बाद सुबह व शाम को भंडारा प्रसादी होगी, जिसमें करीब एक हजार लोग भोजन कर सकेंगे। संतों का भंडारा अलग से होगा, जहां सिर्फ संत ही प्रसादी ग्रहण कर सकेंगे।