scriptपति, पिता और भाई की मौत, भानजी का भात में पूरा गांव बना मामा, लगा दिया गहने, कपड़ों और रुपयों का ढेर | For Bhanji marraige illage became maternal uncle gifted cash and gold | Patrika News

पति, पिता और भाई की मौत, भानजी का भात में पूरा गांव बना मामा, लगा दिया गहने, कपड़ों और रुपयों का ढेर

locationजयपुरPublished: Mar 16, 2023 10:34:34 am

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

राजस्थान में दान करने की प्रथा बहुत ही दिल को छू लेनी वाली है लेकिन जब बात भानजी और बहन की हो तो फिर भाई कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। ये कहानी है हनुमानगढ़ के भादरा के गांव नेठराणा की जहां भाई के न रहने पर पूरा गांव भाई बना और फिर भानजी का मायरा भरा। दरअसल इस गांव की बेटी मीरा के पति की मौत हो गई थी, पिता भी नहीं रहे और फिर भाई भी चल बसा। बेटी जब शादी के लायक हुई तो मीरा बिल्कुल अकेली थी।

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राजस्थान में दान करने की प्रथा बहुत ही दिल को छू लेनी वाली है लेकिन जब बात भानजी और बहन की हो तो फिर भाई कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। ये कहानी है हनुमानगढ़ के भादरा के गांव नेठराणा की जहां भाई के न रहने पर पूरा गांव भाई बना और फिर भानजी का मायरा भरा। दरअसल इस गांव की बेटी मीरा के पति की मौत हो गई थी, पिता भी नहीं रहे और फिर भाई भी चल बसा। बेटी जब शादी के लायक हुई तो मीरा बिल्कुल अकेली थी।

वह शादी की तैयारी में लगी थी और पीहर जाकर भाईयों को न्यौता देने की बारी आई तो मीरा की अश्रुधारा रूकने का नाम नहीं ले रही थी। वह किसी तरह अपने भाई के घर को ही तिलक लगाकर अपने घर चली आई। उसके पीहर में कोई था नहीं तो मीरा को लगा कोई नहीं आएगा और फिर वो दिन जब आया तो मीरा गलत साबित हुई। पूरा गांव मीरा का भाई बन गया और फिर सब कह उठे के आज तो भगवान श्री कृष्ण की तरह पूरा गांव है।

नहीं रोक पाई आंसू

पीहर से जहां कोई आशा नहीं थी वहां इस तरह का प्रेम देख मीरा रो पड़ी। इस भात में मीरा को सात लाख रुपए नकद, तीन लाख रूपए के गहने और लाखों रुपए के कपड़े उपहार स्वरूप दिए गए। इस भात की चर्चा अब पूरे प्रदेश ही नहीं देश में हो रही है। सोशल मीडिया पर इसकी मिसाल दी जा रही है।

भात या मायरा भरने की रस्‍म क्‍या है?

यह एक शादी की रस्म है। इसमें बहन के भाई अपनी भांजी को उपहार स्वरूप धन संपत्ति देते हैं। इसके तहत बहन को अपने पिता, भाई, भाभी व भतीजों को तिलक लगाकर बेटा या बेटी की शादी में पहुंचने का न्‍यौता देना होता है। इसके बाद मामा या फिर नाना बेटी के घर जाकर उपहार देते हैं। इसे भात या मायरा कहा जाता है।

मीरा की पुकार पर पूरा गांव बना भाई

मीरा की शादी हरियाणा के सिरसा में गांव जाडवाला में हुई है। उनकी दो बेटियां हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है। वहीं मायके में पिता भी नहीं रहे और फिर इकलौता भाई भी नहीं रहा। ऐसे में भाई जहां रहता था वहीं मीरा तिलक लगाकर ससुराल आ गई। इसकी जानकारी जैसे ही गांववालों को मिली। इसके बाद फिर पूरे गांव ने पिता और भाई की कमी की नहीं खलने देने का निर्णय लिया। पूरे गांव की महिला, पुरुष और बच्चे मीरा के घर भात भरने पहुंच गए।

 

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नानी बाई का मायरा क्‍या है?
राजस्थान में नरसी मेहता एक गरीब ब्राम्हाण रहते थे। वह कृष्ण के परम भक्त थे। उनकी एक बिटिया नानीबाई थी। उनकी बेटी सुलोचना नाम की बेटी थी। सुलोचना की जब शादी थी तो नानीबाई के ससुराल वालों ने भात भरने के लिए ताना मारे। उनकी हैेसियत से अधिक लाने के लिए कह दिया। नरसी को भगवान कृष्ण पर मदद का विश्वास था और हुआ भी ऐसा ही। श्री कृष्ण भेष बदलकर नरसी से संपदा के मिले और उनकी बेटी नानाबाई का मायरा पूरे ठाठ बाट से भरा गया।
https://youtu.be/7vAR6gh9fG8
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