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ऑनलाइन परीक्षा : सरकार ने गठित की थी विशेषज्ञों की समिति

locationजयपुरPublished: Apr 26, 2020 10:28:39 pm

Submitted by:

anoop singh

कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षा घर से, तीन हो सकते हैं मॉडल
 

ऑनलाइन परीक्षा : सरकार ने गठित की थी विशेषज्ञों की समिति

ऑनलाइन परीक्षा : सरकार ने गठित की थी विशेषज्ञों की समिति

नई दिल्ली. लॉकडाउन के कारण छात्रों की परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही है। विश्वविद्यालयों और कॉलेज अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षा किस तरह हो सकती है। इसे लेकर केद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति ने तीन मॉडलों की सिफारिश की है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुलपति नागेश्वर राव इस समिति के अध्यक्ष हैं। (यूजीसी) कुछ सप्ताह में सुझावों पर फैसला ले सकती है।
मॉडल-1: डेढ़ घंटे का होगा लिखित सब्जेक्टिव टाइप एग्जाम
स मिति ने सुझाव दिया है कि शिक्षक “क्विज असाइनमेंट” विकल्प का उपयोग करके गूगल क्लासरूम एप्लीकेशन में प्रश्न पत्र अपलोड कर सकते हैं। यह पेपर डेढ़ घंटे का होगा। छात्रों को कैमरा और ऑडियो के साथ गूगल मीट में शामिल होने और गूगल क्लासरूम से प्रश्न पत्र पहुंच सकते हैं। कागज की एक प्लेन शीट पर लिखे उत्तर समय सीमा से पहले अपलोड किए जा सकते हैं। इनविजिलेटर ने
छात्रों को गूगल मीट से रेकॉर्डिंग और मॉनीटरिंग कर सकते हैं। ऐसे में कोई धोखाधड़ी होने पर छात्रों को पकड़ा जा सकता है और अनफेयर मीन्स (यूएफएम) मामला दर्ज किया जा सकता है।
मॉडल-2 : कड़ी निगरानी में बहुविकल्पीय प्रश्न परीक्षा
पैनल ने सुझाव दिया है कि एमसीक्यू परीक्षण को ऑनलाइन प्रॉक्टर सेवा के माध्यम से किया जा सकता है। एक ऑनलाइन प्रॉक्टर सेवा वीडियो और ऑडियो के माध्यम से परीक्षार्थी की निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग करती है ताकि परीक्षा में धोखाधड़ी न हो। जीमेट और जीआर परीक्षाएं ऑनलाइन प्रॉक्टरिंग के माध्यम से ही होती हैं। छात्रों को घर से परीक्षा का उपयोग करने के लिए लॉगिन क्रेडेंशियल और एक वेब लिंक दिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है, यदि परीक्षार्थी स्क्रीन से बाहर जाता है तो उसे चेतावनी दी जा सकती है या उसकी परीक्षा रद्द की जा सकती है।
मॉडल-3 : प्रोजेक्ट्स, ऑनलाइन प्रेजेंटेशन या लिखित मूल्यांकन
केस स्टडी और प्रोजेक्ट्स, प्रोजेक्ट बेस मूल्यांकन रिटन असेसमेंट और ऑनलाइन प्रेजेंटेशन या लिखित मूल्यांकन के आधार पर वाइवा-वॉइस आधारित होगा। समय सीमा से दो घंटे पहले छात्रों को एक प्रॉब्लम (केस स्टडी / प्रोजेक्ट) दी जाएगी और एक हैंडरिटन सॉल्यूशन अपलोड करने के लिए कहा जाएगा। हैंडरिटन सॉल्यूशन देने करने के बाद, अगले दिन फैकल्टी को गूगल मीट मीटिंग के माध्यम ेऑनलाइन प्रेजेंटेशन या वाइवा आयोजित करने की आवश्यकता होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि
स्टूडेंट्स को पहले से ही सबमिट प्रॉब्लम का सॉल्यूशन प्रेजेंट करने की अनुमति होगी।
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