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तो इसलिए इस बार घोड़ी पर नहीं चढ़ेंगे प्रदेश के दुल्हे! हो रही लोगों से अपील- कारण कर देगा हैरान

locationजयपुरPublished: Oct 28, 2017 08:02:13 pm

शादी के इस सीजन में दुल्हा को सबकुछ उसके मतमुताबिक तो मिलेगा, लेकिन अगर दुल्हा आपको घोड़ी पर बैठा नजर ना आए तो चौंकिएगा मत।

marriage in rajasthan
हर इंसान की जिंदगी में विवाह का एक खास ही स्थान होता है, ऐसे में दुल्हा बना शख्स अपनी शादी की तैयारियों को लेकर खासा उत्साहित रहने के साथ अपनी हर छोटी-बड़ी चीजों का खास ध्यान रखता है। लेकिन इस बार राजस्थान में शादी के इस सीजन में दुल्हा को सबकुछ उसके मतमुताबिक तो मिलेगा, लेकिन उसे एक चीज की खासा कमी हो सकती है, वो है घोड़ी पर बैठना। अबकी बार दुल्हा अगर आपको घोड़ी पर बैठा नजर ना आए… तो चौंकिएगा मत।
इसलिए पुष्कर में लगा घोड़ों पर रोक…

जी हां, घोड़ों की प्रजाति के कारण ग्लैंडर्स नामक बीमारी हो रही है। जिसके कारण विश्वविख्यात अजमेर के पुष्कर मेले में अश्ववंश पर पहले ही रोक लगा दी गई है। तो वहीं अब इस बीमारी से बचने के लिए दुल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने की सलाह भी दी जा रही है। दरअसल ग्लैंडर्स बीमारी को देखते हुए राजस्थान टैंट एसोसिएशन ने भी उनसे शादी समारोह में लिए जाने वाले गार्डन, टैंट और अन्य व्यवस्थाओं के बदले दुल्हे से शादी में घोड़ी का उपयोग नहीं करने की अपील की है।
इसके अलावा टैंट एसोसिएशन यह अपील पूरे प्रदेश उनसे सम्बंधित सभी व्यापारियों से कर रहा है ताकि घोड़ा प्रजाति से होने वाली ग्लैंडर्स बीमारी से बचा जा सके। हालांकि इसके चलते घोड़े के जरिए अपनी आजीविका कमाने वाले लोगों पर विपरीत प्रभाव भी पड़ेगा। तो उधर इसी कारण पुष्कर मेले में अश्ववंश पर रोक लगाने पर विरोध शुरू हो गया है। जिसे लेकर घोड़ों के कारोबार जुड़े लोग अपने लिए इसे नुकसान के तौर पर देख रहे हैं।
पशु कारोबारियों को हो रहा नुकसान…

पुष्कर पशु मेले घोड़े लाने वाले एक व्यापारी ने कहा कि इस बार मेले में अश्ववंश पर पाबंदी के कारण काफी परेशानी हो रही है। क्योंकि यहां आने से पहले नहीं पता था कि इन पर किसी तरह का रोक है, अब जबकि घोड़ो को यहां तक लाने में 8 से 10 हजार रुपए खर्च हो गए। और आने के पता पता चला कि घोड़ों को बीमारी हो रही है। ऐसे में हमारा जो खर्च हुआ है, उसकी भरपाई कैसे होगी। अगर घोड़ों में बीमारी हो रही है, तो घर में रहकर भी मरेंगे।
इस बीमारी का नहीं है कोई इलाज…

उधर इस मामले पर राजस्थान टैंट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि मैंने राजस्थान के सभी पदाधिकारियों से अपील की है कि हम बारात में जिन घोड़े और घोड़ियों की उपयोग करते हैं उनमें एक खास तरह की बीमारी पाई जा रही है, जिसे ग्लैंडर्स कहा जाता है, सबसे बड़ी समस्या है कि देश-दुनिया में इस संक्रमण का कोई इलाज भी नहीं निकला है। ऐसे में दुल्हा और लोगों को इनके उपयोग से बचना होगा। जबकि इस मामले में हमने अपने सभी कस्टमर्स को भी सलाह दी है कि इससे बचने के लिए घोड़े और घोड़ियों का इस्तेमाल शादी-विवाह में ना करें। साथ ही विवाह के लिए दसरे अन्य विकल्पों को तरजीह दें।
गौरतलब है कि राजस्थान में अश्ववंश में ग्लैंडर्स नामक यह संक्रमण काफी भंयकर रुप लेते जा रहा है, और इससे बचने के लिए लोगों को सचेत भी किया जा रहा है, तो वहीं शादी-विवाह के दौरान इनके धंधे में शामिल लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में कहीं ना कहीं उनकी कमाई पर असर पड़ेगा। इन दिनों घोड़े में हो रही इस बीमारी के कारण पुष्कर मेले में इसनी कमी देखी जा रही है। जो कि हर लगने वाले इस मेले में विशेष तौर पर लाए जाते हैं।
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