script366 करोड़ की परियोजना में घटिया मसाले का गारा | Construction of a dam from non-standard sand boulder and cement | Patrika News

366 करोड़ की परियोजना में घटिया मसाले का गारा

locationदमोहPublished: Jan 15, 2018 01:04:20 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

अमानक रेत, बोल्डर व सीमेंट से हो रहा बांध का निर्माण

Construction of a dam from non-standard sand boulder and cement

Construction of a dam from non-standard sand boulder and cement

राजेश कुमार पांडेय @ दमोह. पथरिया ब्लॉक में साजली नदी पर केवलारी गांव में वृहद क्षेत्रफल को सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराने बांध बनाया जा रहा है। इस परियोजना के शुरूआती गारे में ही अमानक मसाला के उपयोग से योजना के मूर्तरूप देने पर अभी से प्रश्न चिह्न लगना शुरू हो गए हैं।
पंचम नगर परियोजना के तहत साजली परियोजना की लागत 366 करोड़ रुपए की है। इस योजना को स्वीकृत हुए करीब एक साल हो गए, लेकिन इस बांध निर्माण में सत्तापक्ष के लोगों का अंश समाहित न होने से यह लंबित पड़ी थी। हाल ही में पथरिया में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस परियोजना का भूमि पूजन किया था। जैसे ही भूमि पूजन हुआ। उसके बाद ठेकेदार ने अपने संसाधन यहां लगाकर निर्माण तो शुरू कर दिया है, लेकिन शुरुआती नींव में ही मिट्टी मिली रेत का गारा लगने से इसके सालों टिके रहने पर अभी से अंदेशा उत्पन्न होने लगा है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार ठेकेदार आम के आम गुठलियों के दाम पर तर्ज पर स्थानीय स्तर की रेत व बोल्डरों का इस्तेमाल कर रहा है, जो इस तरह के बड़ी राशि के निर्माण कार्यों के लिए अमानक है। विभागीय सूत्रों के अनुसार बड़ी परियोजनाओं में रेत, सीमेंट, गिट्टी मानक स्तर पर लगाई जाती है। परियोजना के हर वर्ग मीटर के निर्माण कार्य पर विभाग की पैनी नजर होनी चाहिए। मिश्रण के दौरान मैदानी उपयंत्री, एसडीओ व ईई को पूरे कार्य पर पैनी नजर रखनी होती है। इसके अलावा ड्राइंग व मटेरियल माप पुस्तिका में दर्ज किया जाता है। इन मूल्यांकनों के आधार पर ही ठेकेदार को भुगतान किए जाते हैं, लेकिन दमोह जिले में बड़ी परियोजनाओं में निर्माण के मामले में कई गंभीर अनियमितता देखी जाती हैं और सत्ता पक्ष के दबाव में अधिकारी इसे नजर अंदाज करते हैं।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
पथरिया ब्लॉक की समृद्ध खेती के लिए साजली परियोजना दूरगामी लाभ देने वाली साबित होगी। इस बात को यहां के ग्रामीण व किसान भी समझ रहे हैं। इसलिए वे इस बार जागरुक नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों ने अमानक स्तर की रेत व नदी के बोल्डरों का उपयोग किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए विरोध भी किया। इसके साथ अधिकारियों को भी जानकारी दी। लेकिन ठेकेदार व अधिकारियों की मिली भगत ने ग्रामीणों के विरोध को दबा दिया है।
स्टापडैम कम रिपटा बह चुका पहली बारिश में
साजली नदी पर जलसंसाधन विभाग लाखों रुपए की लागत से इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टाप डैम कम रिपटा का निर्माण कराया गया था। जिसमें भी उस ठेकेदार द्वारा अमानक सामग्री का उपयोग किया था। जिसमें अधिकारियों ने ठेकेदार की कारगुजारियों पर पर्दा डालने में कोई कोर कसर नहीं रखी थी। जिसका परिणाम यह हुआ था कि पहली बारिश में ही भ्रष्टाचार के गारे से बना स्टापडैम बह गया था। जिसके बह जाने से शासन के लाखों रुपए बर्बाद हो गए थे और ग्रामीणों को लाभ भी नहीं मिल पाया था। उसी रिपटा के बह जाने के बाद यहां के ग्रामीण जागरुक होकर साजली बांध परियोजना निर्माण पर बारीकी से निगाह बनाए हुए हैं।
सीमेंट की मात्रा भी काफी कम
ग्रामीणों की शिकायत है कि जहां ठेकेदार द्वारा अमानक रेत व बोल्डरों का उपयोग किया जा रहा है। रेत में मिट्टी मिली हुई है। साथ ही सीमेंट का कम मात्रा में उपयोग किया जा रहा है। सीमेंट की गुणवत्ता भी कम नजर आ रही है, जिसमें पानी डालने से ही गुठली बन रही है। जिससे लोगों को अंदेशा है कि ठेकेदार ने लाभ कमाने के लिए एक्सापायरी सीमेंट का भंडारण कर लिया है, जिसमें कम मात्रा में सीमेंट लगाया जा रहा है, जिससे पहली ही बारिश में साजली नदी के 3६६ करोड़ रुपए पहली बारिश में ही बह जाने का अंदेशा बन रहा है। पंचम नगर परियोजना ईई पुष्पेंद्र राजपूत का कहना है कि मैं जाकर जांच कराता हूं, जहां भी घटिया निर्माण हो रहा है। काम बंद कराया जाएगा।
गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होगा
साजली बांध परियोजना 366 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी योजना है। गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा, मैं स्वयं अधिकारियों को ले जाकर सामने सैंपलिंग कराऊंगा यह योजना 500 साल टिकी रहे इसलिए भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है। ठेकेदार यदि मनमानी करेगा तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।
लखन पटैल, विधायक, पथरिया
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