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वन क्षेत्र में अवैध गतिविधि रोकेगा वन विभाग, गश्ती दल का किया गठन

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2022 09:06:33 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

प्रदेश के वन क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन, अवैध कटान, परिवहन और अन्य गैर वानिकी गतिविधियों को रोकने के लिए वन विभाग ने राज्य स्तरीय गश्ती दल का गठन किया है।

वन क्षेत्र में अवैध गतिविधि रोकेगा वन विभाग, गश्ती दल का किया गठन

वन क्षेत्र में अवैध गतिविधि रोकेगा वन विभाग, गश्ती दल का किया गठन

वन क्षेत्र में अवैध गतिविधि रोकने के लिए वन विभाग का फैसला
वन विभाग ने गठित किया राज्यस्तरीय गश्ती दल
जयपुर।
प्रदेश के वन क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन, अवैध कटान, परिवहन और अन्य गैर वानिकी गतिविधियों को रोकने के लिए वन विभाग ने राज्य स्तरीय गश्ती दल का गठन किया है। विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. डीएन पांडेय के निर्देशन में यह दल काम करेगा। विभाग ने वनपाल और वनरक्षक की टीम गठित की गई है। उप वन संरक्षक रेखा राम को पांच सदस्यों इस दल का प्रभारी बनाया गया है। वहीं रेंजर अजय कुमार बडग़ूजर, सूरजमल जाट,वनपाल अजय कुमार प्रजापति और वन संरक्षक प्रकाशचंद शर्मा गश्ती दल के सदस्य होंगे। दल अगले 15 दिन तक विशेष अभियान चलाएगा और टीम अवैध खनन और अतिक्रमण पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ डीएन पांडेय के निर्देशन में कार्यवाही करेगा।
पर्यटन विकास में सरिस्का अभ्यारण्य एक अहम कड़ी : जूली
नए टूरिस्ट्स रूट बारा-लिवारी का शुभारम्भ किया
जयपुर। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि अरावली की तलहटी में फैला विस्तृत सरिस्का क्षेत्र जिले के पर्यटन विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जूली ने शनिवार को सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में बनाए गए नए टूरिस्ट्स रूट बारा-लिवारी का शुभारम्भ किया और दो पर्यटक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि सरिस्का स्थित टाइगर रिजर्व क्षेत्र एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में उठकर जिले के विकास में महत्वपूर्ण घटक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरिस्का अपनी मनोरम प्राकृतिक छटा से देश.विदेश में अपनी अमिट पहचान रखते हुए निरंतर पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता रहा है जिससे पर्यटन विकास के साथ.साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के सृजन को भी बढ़ावा मिलता है।
जूली ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में बनाए गए नए टूरिस्ट्स रूट के प्रारम्भ होने से जहां स्थानीय ग्रामीणों की आय का स्रोत बढ़ेगा। वहीं पर्यटकों को सरिस्का टाइगर रिजर्व के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने का अवसर मिलेगा और कोर क्षेत्र पर भी दबाव कम होगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से सरिस्का टाइगर रिजर्व के नेचर गाइड का शुल्क रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के समान जिप्सी के लिए 750 रुपए प्रति पारी और केंटर के लिए ८६० रुपए प्रति पारी किया गया है।
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