इससे पहले गुरुवार अंतिम दफा पैंथर की लोकेशन एसएमएस स्कूल परिसर में होने पर स्कूल की शुक्रवार को छुट्टी कर दी गई थी। पैंथर की ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। राजधानी के आबादी इलाके में एक बार फिर पैंथर की मौजूदगी से दहशत का माहौल रहा। पैंथर को शाम चार बजे पहली दफा देखा गया। इसके बाद पूरे इलाके में पैंथर के मूवमेंट की चर्चा होने लगी। कुछ ही देर में मकानों के सीसीटीवी फुटेज में पैंथर देखा गया और तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने लगे।
पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पैंथर को तलाश करने में सफलता नहीं मिल पाई तो ड्रोन टीम के जरिए उस पर निगरानी की गई। इस बीच पैंथर नजदीकी एसएमएस स्कूल परिसर में घुस गया। वहां पर कभी कैंटीन तो कभी कॉरिडोर में ड्रोन के जरिए उसके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी। जैसे-जैसे रात घिरने लगी, ड्रोन की आंखों ने भी जवाब दे दिया। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने शुक्रवार को स्कूल के अवकाश की घोषणा कर दी।
जब निगरानी से बाहर पैंथर चला गया तो पुलिस ने लोगों को बाहर जाकर सचेत किया। रात को बाहर नहीं निकलने, घरों के खिड़की दरवाजे अंदर से बंद रखने और किसी भी हलचल को लेकर सतर्कता बनाए रखने की जानकारी उन्हें दी। साथ ही पुलिस से संपर्क करने के लिए कंट्रोल रूम के अलावा नजदीकी अधिकारी के नंबर भी दिए गए। पुलिस का मानना है कि पैंथर इस इलाके में दिन में नहीं बल्कि बीती रात को आया होगा। वह झालाना के जंगलों से होता हुआ यूनिवसिर्टी में होता हुआ मोतीडूंगरी गणेश मंदिर की पहाड़ी से आया होगा। दिनभर लोगों की हलचल के कारण वह छिपा हुआ था, लेकिन शाम को भूख लगने के कारण वह निकला तो लोगों की नजर में आ गया।