scriptमहल-किलों के साथ-साथ अब वन-अभायरण्य भी आ रहे रास | Forest sanctuaries now dominating the tourism map | Patrika News
जयपुर

महल-किलों के साथ-साथ अब वन-अभायरण्य भी आ रहे रास

पर्यटन मैप पर छा रहे जैविक उद्यान-झालाना सफारी सहित वन अभयारण्यनैसर्गिक सौंदर्य के साथ सोशल डिस्टेंसिंग भी खोज रहे सैलानी

जयपुरNov 16, 2020 / 02:45 pm

Amit Pareek

फाइल फोटो

फाइल फोटो

जयपुर. ऐतिहासिक धरोहर के साथ-साथ अब वन-अभयारण्य भी टूरिस्ट मैप पर आभा बिखेर रहे हैं। गढ़-किले-बावडिय़ों से अलग अब वन-अभयारण्य भी सैलानियों को अपनी ओर खींच रहे हैं। वन-अभयारण्य जिस तरह गुलजार हो रहे हैं उससे यही संकेत मिल रहा है कि कोरोना काल में पर्यटकों को भी नैसर्गिक सौंदर्य न केवल रास आ रहा है बल्कि यहीं पर वे खुद को भीड़-भाड़ से दूर सुरक्षित पा रहे हैं। यही कारण है कि रणथंभौर, सरिस्का, जैविक उद्यान और झालाना समेत अन्य वन अभयारण्य में बड़ी संख्या में सैलानी घूमने आ रहे है। साथ ही छोटे जंगल भी नए पर्यटन स्थल के तौर पर भी विकसित हो रहे हैं। ये छोटे जंगल अब प्रदेश की नई पहचान बनने लगे हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन हजारों पर्यटक जंगल की खूबसूरती और वन्य जीवों को निहारने आ रहे हैं।
झालाना-लॉयन सफारी, रणथम्भौर टॉप पर
राजधानी में सैलानियों को जंतुआलय, नाहरगढ़ जैविक उद्यान, झालाना सफारी और लॉयन सफारी खूब रास आ रहे हैं। इतना ही नहीं यहां एग्जोटिक पार्क भी शुरू हो गया है। जिसमें दरियाई घोड़ा, ऐमू समेत कई वन्यजीव हैं। राज्य का यह एकमात्र पार्क है जहां इतने वन्यजीव प्रवास कर रहे हंै। रणथम्भौर नेशनल पार्क की तो बात ही अलग हा। यह विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाया हुआ है। सैलानियों के साथ-साथ सेलेब्रिटीज का भी पसंदीदा पर्यटन स्थल है। यहां आए दिन नेता, बॉलीवुड स्टार्स, खिलाड़ी आते रहते हैं। उन्हें बाघों की अठखेलियां खूब लुभाती है। सरिस्का में भी पर्यटकों को रिझा रहा है। मुकुंदरा को अभी वह प्रसिद्धि नहीं मिल पाई जिसके बारे सोचा गया था।
आंकड़ों में गुलजार पर्यटन स्थल
-1.5 लाख से अधिक सैलानी आए केवला देव अभयारण्य।
-18 हजार से अधिक ने देखी झालाना सफारी।
-6 लाख सैलानी पहुंचे जयपुर जंतुआलय।
-4 लाख से अधिक पर्यटकों को नाहरगढ़ जैविक उद्यान ने रिझाया।
-03 लाख से अधिक ने जोधपुर का माचिया जैविक उद्यान देखा।
-03 लाख से अधिक सैलानी उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में पहुंचे।
-3.8 लाख से अधिक ने पहुंचे रणथम्भौर नेशनल पार्क।
(वन विभाग से मिले पिछले साल के आंकड़े)

Home / Jaipur / महल-किलों के साथ-साथ अब वन-अभायरण्य भी आ रहे रास

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो