राजधानी में सैलानियों को जंतुआलय, नाहरगढ़ जैविक उद्यान, झालाना सफारी और लॉयन सफारी खूब रास आ रहे हैं। इतना ही नहीं यहां एग्जोटिक पार्क भी शुरू हो गया है। जिसमें दरियाई घोड़ा, ऐमू समेत कई वन्यजीव हैं। राज्य का यह एकमात्र पार्क है जहां इतने वन्यजीव प्रवास कर रहे हंै। रणथम्भौर नेशनल पार्क की तो बात ही अलग हा। यह विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाया हुआ है। सैलानियों के साथ-साथ सेलेब्रिटीज का भी पसंदीदा पर्यटन स्थल है। यहां आए दिन नेता, बॉलीवुड स्टार्स, खिलाड़ी आते रहते हैं। उन्हें बाघों की अठखेलियां खूब लुभाती है। सरिस्का में भी पर्यटकों को रिझा रहा है। मुकुंदरा को अभी वह प्रसिद्धि नहीं मिल पाई जिसके बारे सोचा गया था।
-1.5 लाख से अधिक सैलानी आए केवला देव अभयारण्य।
-18 हजार से अधिक ने देखी झालाना सफारी।
-6 लाख सैलानी पहुंचे जयपुर जंतुआलय।
-4 लाख से अधिक पर्यटकों को नाहरगढ़ जैविक उद्यान ने रिझाया।
-03 लाख से अधिक ने जोधपुर का माचिया जैविक उद्यान देखा।
-03 लाख से अधिक सैलानी उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में पहुंचे।
-3.8 लाख से अधिक ने पहुंचे रणथम्भौर नेशनल पार्क।
(वन विभाग से मिले पिछले साल के आंकड़े)