scriptराजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन | Formation of Rajasthan State Mineral Exploration Trust | Patrika News

राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन

locationजयपुरPublished: Sep 15, 2020 06:00:09 pm

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief Minister Ashok Gehlot ) की पहल पर प्रदेश में उपलब्ध खनिज भण्डारों ( mineral deposits ) की वैज्ञानिक तरीके से खोज ( scientific exploration ) व खनन ( mining ) में आधुनिक तकनीक का उपयोग, अनुसंधान, शोध, कौशल विकास व राजस्व बढ़ोतरी सहित इससे जुड़ी गतिविधियों के बेहतर संचालन और मोनेटरिंग के लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है।

राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन

राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में उपलब्ध खनिज भण्डारों की वैज्ञानिक तरीके से खोज व खनन में आधुनिक तकनीक का उपयोग, अनुसंधान, शोध, कौशल विकास व राजस्व बढ़ोतरी सहित इससे जुड़ी गतिविधियों के बेहतर संचालन और मोनेटरिंग के लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है। इस ट्रस्ट के संचालन के लिए खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय संचालक मण्डल बनाया गया हैं वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव खान व पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कार्यकारी समिति बनाई गई है।
प्रमोद जैन भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में विपुल खनि संपदा का सुनियोजित व वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण, खोज व खनन में आधुनिक तकनीक के उपयोग और अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए लघु, मध्य एवं दीर्घकालीन नीति बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर देते रहे हैं। राजस्थान देश में खनि उत्पादन मूल्य में 20.26 प्रतिशत हिस्सेदारी निभा रहा है, जबकि खोज एवं सर्वेक्षण मेें देश में सबसे कम राशि व्यय की जा रही है। खान मंत्री भाया ने बताया कि विभाग द्वारा दूरगामी सोच के साथ आरएसएमई ट्रस्ट बनाया गया है। इस ट्रस्ट के गठन का मुख्य उद्देश्य राज्य में खनिज संपदा की खोज, खनिज संसाधनों का विकास और आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीक से दोहन कर अधिक से अधिक उत्पादन व प्रदेश के लिए राजस्व को बढ़ाना है।
अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा प्रदेश में खनिज संसाधनों के नियोजित अन्वेषण व उत्खनन के लिए लघु, मध्य और दीर्घकालीन विजन और योजना तैयार की जाएगी, इसके साथ ही अन्वेषण का मास्टर प्लान और उपलब्ध संसाधनों का विस्तृत अन्वेषण और वर्गीकरण करवाया जाएगा। वन क्षेत्र में खनि संपदा की खोज के लिए वन (कंजरवेसन) अधिनियम 1980 के तहत अनुमति प्राप्त की जाएगी। भूवैज्ञानिक, जमीन और हवाई सर्वेक्षण और स्पष्ट भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्रों के भू-रासायनिक सर्वेक्षण की सुविधा के लिए, खनिज विकास, सतत खनन की उन्नत वैज्ञानिक तकनीक को अपनाने और खनिज निष्कर्षण धातु विज्ञान का अध्ययन करवाया जाएगा। खनिज विश्लेषण और अयस्कों के परीक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करने के लिए विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्रस्तुत चट्टानों और खनिज नमूनों की जांच की जाएगी। निजी क्षेत्र के खनिज उत्पादों व अयस्कों की गुणवत्ता आदि की रासायनिक, भौतिक परीक्षण और विश्लेषण द्वारा आकलन किया जा सकेगा। राज्य में शोध एवं अनुसंधान के लिए लेबोरेटरी की स्थापित कर उसे नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग एण्ड क्रेलिब्रेशन लेबोरेटरी से मान्यता दिलाई जाएगी, ताकि खनिज प्रयोगशाला मेें खनिज उत्पादों के परीक्षण और विश्लेषण के आधार पर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा और प्रमाणीकरण किया जा सके।

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